Wayanad Lok Sabha Byelection 2024: महाराष्ट्र और झारखंड के साथ-साथ पूरे देश की नजरें वायनाड पर भी टिकी हैं, क्योंकि इस सीट से प्रियंका गांधी अपनी चुनावी करियर की शुरुआत कर रही हैं। राहुल गांधी के सीट छोड़ने के बाद खाली हुई वायनाड सीट से कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को चुनावी रण में उतारा और इस फैसले का फायदा भी हुआ। प्रियंका गांधी वायनाड में प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज कर रही हैं।
यह भी पढ़ें:Maharashtra की वो सीट, जहां हार के 5 महीने बाद पलटे परिणाम, अजित पवार कैसे बने ‘बाजीगर’?
वायनाड चुनाव कांग्रेस के लिए अग्निपरीक्षा
शुरुआती रुझानों से प्रियंका गांधी के मजबूत प्रदर्शन के का पता चलता है। वे अपने भाई राहुल गांधी की सीट बरकरार रखना चाह रही हैं। इस चुनाव का कांग्रेस के लिए क्या मतलब है? हालांकि यह उपचुनाव सीधे तौर पर राज्य शासन पर प्रभाव नहीं डालेंगे, लेकिन यह कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण अग्निपरीक्षा के रूप में काम करेंगे, खासकर हरियाणा में इस जीत का असर पड़ सकता है। पार्टी ने प्रियंका के चुनाव अभियान में काफी मशक्कत की है। जिसमें किसानों की चुनौतियों और भूस्खलन पीड़ितों के पुनर्वास जैसे स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
यह भी पढ़ें:‘हेमंत’ के सामने ‘हिमंत’ की टूटी हिम्मत, झारखंड के नतीजों ने निकाली असम सीएम के बयानों की ‘हवा’
प्रियंका की एंट्री कांग्रेस को और मजबूत करेगी
निजी तौर पर प्रियंका गांधी के लिए यह नतीजे कितने अहम हैं? इस बार बात करें तो जमीनी स्तर पर जुड़ाव और व्यक्तिगत संपर्क पर केंद्रित रणनीति के साथ राजनीतिक क्षेत्र में कदम रखने के बाद उनका प्रदर्शन या तो पार्टी के भीतर उनकी स्थिति को मजबूत कर सकता है या आगे बढ़ने के लिए उनकी राजनीतिक व्यवहार्यता पर सवाल उठा सकता है, लेकिन इस बात में कोई दोराय नहीं कि प्रियंका अपने मजबूत व्यक्तित्व के लिए जिस तरह अपने समर्थकों में लोकप्रिय हैं, उतनी ही मजबूती के साथ प्रियंका ने अपनी राजनीतिक पारी का शानदार आगाज किया है।
यह भी पढ़ें:सबकुछ हाथ होते हुए भी आखिर विपक्ष के हाथों से कैसे फिसल गई जीत?
प्रियंका का वायनाड में इन दिग्गजों से था मुकाबला
बता दें कि राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2024 रायबरेली और वायनाड से लड़ा था। वे दोनों सीटें जीत गए थे, लेकिन उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दी थी। उपचुनाव में कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को चुनावी रण में उतारकर उनकी राजनीतिक पारी का आगाज कराया। अब प्रियंका अपने परिवार की चौथी सदस्य बन गई हैं, जिन्होंने दक्षिण भारत से लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला लिया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका का इस चुनाव में भाकपा के सत्यन मोकेरी और भाजपा की नव्या हरिदास से मुकाबला था। सत्यन मोकेरी ने 1987 से 2001 तक केरल विधानसभा में नादापुरम निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। नव्या हरिदास दो बार कोझिकोड नगर निगम की पार्षद रह चुकी हैं और भाजपा की महिला मोर्चा की राज्य महासचिव हैं।
यह भी पढ़ें:झारखंड में लगातार दूसरी बार सत्ता से दूर क्यों BJP! जानें 5 बडे़ कारण