PM Modi Blog on Kanyakumari Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कन्याकुमारी दौरा काफी सुर्खियों में रहा। 30 जून की शाम से लेकर 1 जून तक लगभग 45 घंटों तक पीएम मोदी ने कन्याकुमारी की गुफा में ध्यान साधना की। वहीं 1 जून को कन्याकुमारी से लौटते समय विमान में बैठकर पीएम मोदी ने एक लेख लिखा है। जिसे उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है। इस लेख में पीएम मोदी ने कन्याकुमारी में हुए अनुभवों को विस्तार से बताया है।
पीएम मोदी ने क्यों की साधना?
पीएम मोदी के अनुसार लोकसभा चुनाव के शोर से निजात पाने के लिए उन्होंने साधना करने का फैसला किया। पीएम मोदी ने लिखा कि लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव प्रचार का आगाज 1857 की स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणास्थली मेरठ से हुआ था। मेरी आखिरी सभा संत रविदास जी की तपोभूमि रही पंजाब के होशियारपुर में हुई थी। कन्याकुमारी में ध्यान साधना शुरू करते ही राजनीतिक वाद-विवाद, वार-पलटवार सब अपने आप में शून्य होता चला गया।
संगमों के संगम की धरती कन्याकुमारी में भारत माता के सान्निध्य में मुझे साधना का जो सौभाग्य मिला, वह मेरे जीवन की एक अमूल्य पूंजी है। यहां चिंतन-मनन से हृदय में जो भाव उत्पन्न हुए, उसे शब्दों में पिरोने का प्रयास किया है… #NewSankalp4Bharat https://t.co/tFEI6xbuDb
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कन्याकुमारी को क्यों चुना?
पीएम मोदी ने कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल को ही ध्यान साधना के लिए क्यों चुना? पीएम मोदी के अनुसार कन्याकुमारी शक्तिपीठ है, जहां मां शक्ति ने कन्या कुमारी के रूप में अवतार लिया था। यहां पर उन्होंने भगवान शिव के लिए तपस्या की थी। कन्याकुमारी संगमों की धरती है, जहां कई पवित्र नदियों का समुद्र से संगम होता है। यहां विवेकानंद शिला स्मारक के साथ ही संत तिरुवल्लूवर की विशाल प्रतिमा, गांधी मंडपम और कामराजर मणि मंडपम हैं।
पीएम मोदी ने मांगे 25 साल
पीएम मोदी ने आगे लिखा कि 1897 में स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि हमें 50 साल राष्ट्र को समर्पित करने होंगे। इस आह्वान के ठीक 50 साल बाद देश को आजादी मिली थी। हमारे पास भी वैसा स्वर्णिम अवसर है। हम अगले 25 वर्ष राष्ट्र को समर्पित करें। मैं देश की ऊर्जा को देखकर ये कह सकता हूँ कि लक्ष्य अब दूर नहीं है। आइए, तेज कदमों से चलें…मिलकर चलें, भारत को विकसित बनाएं।