What is President Rule: मणिपुर में जारी हिंसा के बीच सीएम बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को रिजाइन कर दिया था। अब मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है। बीरेन सिंह ने राज्य में चली आ रही जातीय हिंसा के करीब दो साल बाद रिजाइन किया था। हिंसा और अन्य मुद्दों को लेकर राज्य में उनकी आलोचना हो रही थी। बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद से चर्चा थी कि राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है। राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद राज्य की व्यवस्था में बदलाव आ जाता है। आखिर राष्ट्रपति शासन क्या होता है और किन परिस्थितियों में लगता है? इसके बारे में विस्तार से जान लेते हैं।
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राष्ट्रपति शासन को लेकर संविधान के अनुच्छेद 352 में विस्तार से जानकारी दी गई है। यदि राष्ट्रपति इस बात से संतुष्ट नहीं है कि कोई राज्य सरकार संविधान के तहत काम नहीं कर रही है, तब राष्ट्रपति शासन लगाने के आदेश राष्ट्रपति जारी करते हैं। राष्ट्रपति शासन लगने के बाद 2 माह के भीतर संसद के दोनों सदनों को इसका अनुमोदन करना जरूरी होता है। इसके बाद राज्यपाल केंद्र के निर्देशों के आधार पर शासन करते हैं।
राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद राज्य का नियंत्रण चुनी सरकार के बजाय राष्ट्रपति के पास आ जाता है। केंद्र सरकार की ओर से इसके लिए कार्यकारी अधिकार भी प्रदान किए जाते हैं। गवर्नर द्वारा सलाहकारों की नियुक्ति भी की जाती है, जो रिटायर्ड सिविल सेवक होते हैं। यदि राष्ट्रपति शासन को संसद की मंजूरी मिल जाती है तो यह छह माह तक चल सकता है। हालांकि अगले 3 साल तक लगातार 6-6 माह तक इसकी अवधि को बढ़ाया जा सकता है।
President’s Rule imposed in Manipur.
Manipur CM N Biren Singh resigned from his post on 9th February. https://t.co/vGEOV0XIrt pic.twitter.com/S9wymA13ki
— ANI (@ANI) February 13, 2025
इन स्थितियों में भी लागू हो सकता है राष्ट्रपति शासन
राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद सीएम के नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद को भंग कर दिया जाता है। इस दौरान संसद के जरिए ही सूबे के विधेयक और बजट प्रस्ताव पारित किए जाते हैं। अगर संसद का सत्र न चल रहा हो तो राष्ट्रपति अध्यादेश जारी कर सकते हैं। कुछ अन्य परिस्थितियों में भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है। कानून व्यवस्था फेल होने, सरकार के अल्पमत में आने और स्थिर सरकार न बनने की सूरत में भी राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है। इसके अलावा भ्रष्टाचार, विद्रोह, आपदा या अन्य स्थिति में अगर सरकार नाकाम साबित होती है तो भी राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है।