Rajya Sabha Members Nominated: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए 4 सदस्यों को मनोनीत कर दिया है। इनमें मशहूर सरकारी वकील उज्ज्वल देवराव निकम, केरल के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद् सी. सदानंदन मस्ते, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और मशहूर इतिहासकार एवं शिक्षाविद् मीनाक्षी जैन शामिल हैं। चारों मनोनीत सदस्य 6 साल तक राज्यसभा के सांसद रहेंगे और सांसद होने के नाते मिले अधिकारों का इस्तेमाल करेंगे। राष्ट्रपति मुर्मू ने संविधान के तहत अनुच्छेद 80(1)(A) के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करके चारों लोगों को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है।
जारी किया गया नोटिफिकेशन
बता दें कि राष्ट्रपति भवन की ओर से चारों लोगों को बतौर राज्यसभा सांसद मनोनीत करने संबंधी नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति को 12 राज्यसभा सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार है, जो विज्ञान, कला, साहित्य एवं सामाजिक सेवा किसी भी क्षेत्र से हो सकते हैं। इन क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोगों को राष्ट्रपति सांसद मनोनीत कर सकती हैं।
The President of India has nominated Ujjwal Deorao Nikam, a renowned public prosecutor known for handling high-profile criminal cases; C. Sadanandan Maste, a veteran social worker and educationist from Kerala; Harsh Vardhan Shringla, former Foreign Secretary of India; and… pic.twitter.com/eN6ga5CsPw
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) July 13, 2025
राज्यसभा सांसद को मिलता है इतना वेतन
संविधान के अनुसार, संसद सदस्य अधिनियम 1954 के तहत राज्यसभा सांसदों के वेतन, भत्ते और पेंशन का प्रावधान किया गया है। 1 अप्रैल 2023 को हुए संशोधन के अनुसार, राज्यसभा सांसद को वेतन और भत्ते मिलाकर 254000 रुपये प्रतिमाह मिलते हैं। इनमें एक लाख 24 हजार रुपये प्रतिमाह सैलरी मिलती है। संसद सत्र के मौजूद रहने पर प्रतिदिन 2500 रुपये भत्ता मिलता है। उनके निर्वाचन क्षेत्र के लिए 70000 प्रतिमाह सैलरी मिलती है। ऑफिस के लिए हर महीने 60000 रुपये का भत्ता मिलता है।
सांसद को मिलती हैं ये सभी सुविधाएं
राज्ससभा सांसद को दिल्ली में रहने के लिए सरकारी आवास मिलता है। केंद्र सरकार के ग्रेड-1 अफसर के बराबर निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती हैं। फर्स्ट क्लास AC ट्रेन में सफर करने के लिए पास मिलता है। हवाई यात्रा करने के लिए टिकटर पर 25% की छूट मिलती है। हर साल 50000 यूनिट बिजली और 4000 किलोलीटर पानी निशुल्क इस्तेमाल करने के लिए मिलता है।
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राज्यसभा सांसद की शक्तियां
संविधान के अनुसार, संसद के उच्च सदन राज्यसभा के सांसद को विधायी, वित्तीय और विचार-विमर्श करने की प्राप्त हैं। राज्यसभा सांसद राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधि होते हैं। राज्यसभा सांसद संविधान संशोधन विधेयकों, सामान्य बिलों पर विचार विमर्श करने और उन्हें पारित कराने में भूमिका निभाते हैं। किसी बिल को पारित कराने के लिए सांसदों की सहमति अनिवार्य होती है। राज्यसभा सांसदों को मनी बिल पर सुझाव देने का अधिकार है। बजट और वित्तीय नीतियों पर विचार-विमर्श करने का अधिकार है। राज्यसभा सांसद को मंत्रियों से प्रश्न पूछने का अधिकार है।
सरकारी नीतियों की समीक्षा करने का अधिकार
राज्यसभा सांसद को स्थगन या ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश करके सरकार की नीतियों और कार्यों की समीक्षा करने का अधिकार है। वित्त समिति, याचिका समिति जरिए सरकार के कामकाज की निगरानी करने का अधिकार है। त्व करते हैं, जिससे संघीय ढाँचे को मजबूती मिलती है। वे राज्यों के हितों को राष्ट्रीय नीतियों में शामिल करने में मदद करते हैं। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव राज्यसभा सांसदों की सहमति से पेश कर सकती है। अनुच्छेद 352 के तहत नेशनल इमरजेंसी को हटाने के लिए राज्यसभा सांसदों की सहमति से विशेष प्रस्ताव पारित कर सकती है।