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‘विश्व का नेतृत्व कर कहा भारत’, गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश को क्या दिया संदेश?

President Droupadi Murmu : गणतंत्र की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश को संबोधित किया और राष्ट्र को संदेश दिया। उन्होंने कहा कि पूरे विश्न का नेतृत्व भारत कर रहा है। हाल ही में औपनिवेशिक मानसिकता को बदलने के लिए ठोस प्रयास किए गए।

Edited By : Deepak Pandey | Updated: Jan 25, 2025 19:42
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Droupadi Murmu
गणतंत्र की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश को किया संबोधित।

President Droupadi Murmu : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत आज विश्न का नेतृत्व कर रहा है। यह कहा जाता है कि किसी भी देश में 75 साल का समय पलक झपकने जैसा होता है, लेकिन भारत के पिछले 75 सालों के संदर्भ में ऐसा बिल्कुल नहीं कहा जा सकता है। यह वह कालखंड है, जिसमें लंबे समय से सोई हुई भारत की आत्मा फिर से जागी है और हमारा देश विश्व समुदाय में अपना समुचित स्थान प्राप्त करने के लिए अग्रसर हुआ है। विश्व की प्राचीनतम सभाओं में शामिल भारत को ज्ञान और विवेक का उद्गम माना जाता था, लेकिन भारत को एक अंधकारमय दौर से गुजरना पड़ा।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज हमें सबसे पहले उन वीरों को याद करना चाहिए, जिन्होंने मातृभूमि को विदेशी शासन की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए महान बलिदान दिए। कुछ प्रसिद्ध थे, जबकि कुछ हाल ही तक कम ही जाने गए। हम इस वर्ष भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मना रहे हैं, जो स्वतंत्रता सेनानियों के प्रतिनिधि के रूप में खड़े हैं, जिनकी भूमिका राष्ट्रीय इतिहास में अब सही अनुपात में पहचानी जा रही है। 20वीं सदी के शुरुआती दशकों में उनके संघर्षों ने एक संगठित राष्ट्रव्यापी स्वतंत्रता आंदोलन में समेकित किया।

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उन्होंने आगे कहा कि यह देश का सौभाग्य था कि महात्मा गांधी, रवींद्रनाथ टैगोर और बाबासाहेब अंबेडकर जैसे लोग थे, जिन्होंने इसे अपने लोकतांत्रिक लोकाचार को फिर से खोजने में मदद की। न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सैद्धांतिक अवधारणाएं नहीं हैं जिन्हें हमने आधुनिक समय में सीखा है, वे हमेशा हमारी सभ्यतागत विरासत का हिस्सा रहे हैं।

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अनुसूचित जाति समुदाय के युवाओं को मिल रहीं सुविधाएं : राष्ट्रपति

उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति समुदाय के युवाओं के लिए प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय फेलोशिप, विदेशी छात्रवृत्ति, छात्रावास और कोचिंग सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना रोजगार और आय सृजन के अवसरों को जोड़कर अनुसूचित जाति समुदायों के बीच गरीबी को कम करने में प्रगति कर रही है।

औपनिवेशिक मानसिकता को बदलने का प्रयास : द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हमें 1947 में स्वतंत्रता मिली, लेकिन औपनिवेशिक मानसिकता के कई अवशेष हमारे बीच लंबे समय तक बने रहे। हाल ही में हम उस मानसिकता को बदलने के लिए ठोस प्रयास देख रहे हैं। ऐसे प्रयासों में सबसे उल्लेखनीय भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम से बदलने का निर्णय था। न्यायशास्त्र की भारतीय परंपराओं पर आधारित नए आपराधिक कानून दंड के बजाय न्याय प्रदान करने को आपराधिक न्याय प्रणाली के केंद्र में रखते हैं। इसके अलावा नए कानून महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों का मुकाबला करने को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं।

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राष्ट्रपति ने एक राष्ट्र एक चुनाव का भी किया जिक्र

उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के बड़े सुधारों के लिए दूरदर्शिता की आवश्यकता होती है। एक और उपाय जो सुशासन की शर्तों को फिर से परिभाषित करने का वादा करता है, वह है देश में चुनाव कार्यक्रमों को एक साथ करने के लिए संसद में पेश किया गया विधेयक। ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ योजना शासन में स्थिरता को बढ़ावा दे सकती है, नीतिगत पक्षाघात को रोक सकती है, संसाधनों के विचलन को कम कर सकती है और वित्तीय बोझ को कम कर सकती है। साथ ही कई अन्य लाभ भी प्रदान कर सकती है।

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Edited By

Deepak Pandey

First published on: Jan 25, 2025 07:25 PM

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