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PMC बैंक ने बिना लोन चुकाए कैसे बनाया 150 करोड़ बकाया? ऑडिट रिपोर्ट से हुए कई खुलासे

PMC Bank Scam: पीएमसी बैंक ने बिना लोन दिए 150 करोड़ की देनदारी कैसे बना दी? ऑडिट रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे, मामला अब NCLT की अदालत में पहुंचा। पढ़ें राहुल पांडे की रिपोर्ट।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Jul 29, 2025 08:01

PMC Bank Scam: पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव PMC बैंक एक बार फिर विवादों में है। बैंक की लोन पॉलिसी को लेकर बार फिर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। सामने आई एक ऑडिट रिपोर्ट हैरान और चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। बैंक ने करोड़ों रुपए के लोन को कागजों पर मंजरी दी है, लेकिन एक भी रुपये दिए बिना ब्याज को लोन की बकाया राशि को 150 करोड़ रुपए पहुंचा दिया गया है।

क्या है मामला?

हाल ही में एक ऑडिट रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि बैंक ने पृथ्वी रियल्टर्स एंड होटल्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक रियल एस्टेट कंपनी को 87.5 करोड़ का लोन कागज़ों पर मंज़ूर किया, लेकिन वास्तव में कंपनी को कोई रकम दी ही नहीं गई। इसके बावजूद, ब्याज जोड़ते-जोड़ते अब इस ‘लोन’ की बकाया रकम 150 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है। जांच में पता चला कि बैंक ने पहले 10 करोड़ की मॉर्गेज ओवरड्राफ्ट सुविधा दी थी, जिसे बढ़ाकर 87.5 करोड़ कर दिया गया। इसके बदले कंपनी ने ठाणे जिले की जमीन गिरवी रखी। लेकिन 2012 के बाद से न तो कोई पैसा खाते में जमा हुआ और न ही निकाला गया।

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खाते में सिर्फ जुड़ता रहा ब्याज?

ऑडिट में ये भी बताया गया कि खाते में सिर्फ़ ब्याज की एंट्री होती रही ना तो लोन जारी हुआ, ना इस्तेमाल हुआ, और ना ही कोई भुगतान हुआ है। जब मामला आर्बिट्रेशन ट्राइब्यूनल में पहुंचा, तो जांच में इसे एक गहरी साज़िश और धोखाधड़ी करार दिया गया। ट्राइब्यूनल का कहना था कि यह कोई साधारण वित्तीय गड़बड़ी नहीं, बल्कि जानबूझकर की गई धोखाधड़ी है, जिसमें फर्जी दस्तावेज और गलत जानकारियां शामिल हैं। इसलिए इस पर सामान्य आर्बिट्रेशन लागू नहीं हो सकता।

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NCLT पहुंचा मामला

अब केस नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) में चल रहा है, जहां यह तय किया जाएगा कि जब असल में लोन दिया ही नहीं गया, तो बैंक इस बकाया राशि की वसूली कैसे कर सकता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह मामला देश की बैंकिंग व्यवस्था में मौजूद गंभीर खामियों को उजागर करता है, जहां बिना असल फंड ट्रांसफर के केवल कागज़ी प्रक्रिया से भारी-भरकम देनदारी पैदा की जा सकती है। इसका खामियाजा आमतौर पर ग्राहकों और कंपनियों को भुगतना पड़ता है।

2019 में PMC बैंक पर RBI ने लगाया था बैन?

पीएमसी बैंक में घोटाले का खुलासा सितंबर 2019 में तब हुआ जब भारतीय रिज़र्व बैंक RBI ने PMC बैंक पर प्रतिबंध लगाए। जांच में बैंक में 6,500 करोड़ के छुपे हुए नुकसान का पता चला, जिसमें से 70% नुकसान HDIL से जुड़ा हुआ था। बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस और HDIL के प्रमोटर राकेश और सारंग वाधवानी को धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इस घोटाले के कारण हजारों जमाकर्ताओं को भारी वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा, क्योंकि निकासी की सीमा शुरू में केवल 1,000 तक सीमित कर दी गई थी।

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First published on: Jul 29, 2025 07:24 AM

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