G-20 Foreign Minister Meeting: दिल्ली में जी-20 देशों की मीटिंग का आज दूसरा और आखिरी दिन है। मीटिंग के इनाॅगरल सेशन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कई साल की प्रगति के बाद आज हमारे सामने सामने रिस्क है कि कहीं हम सतत विकास के लक्ष्यों में पीछे ना रह जाएं।
पीएम ने कहा कि कई विकासशील देश इस समय फूड और एनर्जी सिक्योरिटी के लिए कर्ज के बोझ तले दबे हैं, जिससे वे खुद संभाल नहीं पा रहे हैं।
संकट में है बहुपक्षवाद
पीएम ने विकसित देशों पर निशाना साधते हुए कहा कि ग्लोबल वार्मिंग से गरीब देश सबसे ज्यादा प्रभावित है। इसी के चलते भारत ने जी-20 प्रेसिडेंसी के तहत ग्लोबल साउथ की आवाज बनने की कोशिश की है। पीएम ने कहा कि यह गहरे वैश्विक विभाजन का समय है और बहुपक्षवाद संकट में है।
Addressing the Opening Segment of G20 Foreign Ministers' meeting. @g20org https://t.co/s73ypWruBf
---विज्ञापन---— Narendra Modi (@narendramodi) March 2, 2023
बुद्ध और गांधी की धरती पर हो रही बैठक
अपने रिकाॅर्डेड वीडियो संदेश में पीएम ने कहा कि जी-20 में सहमति बनाने और ठोस परिणाम देने की क्षमता है। उन्होंने भारत की जी-20 अध्यक्षता के बारे में बात करते हुए कहा कि पहली बार यह बैठक गांधी और बुद्ध की भूमि पर हो रही है।
पीएम मोदी ने सभी देशों के प्रतिनिधियों से भारत के सभ्यतागत लोकाचार से प्रेरणा लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हमें जोड़ने वाली चीजों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
प्राकृतिक आपदाओं पर जताई चिंता
दुनिया में आई प्राकृतिक आपदाओं पर उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि वैश्विक तनाव के माहौल में खाद्य आपूर्ति श्रृंखला कैसे प्रभावित हो गई? अपने संबोधन के अंत में पीएम ने कहा कि सामूहिक ज्ञान और क्षमता में विश्वास व्यक्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज की बैठक महत्वाकांक्षी, समावेशी और कार्रवाई उन्मुख होगी जहां आपसी मतभेदों से उपर उठकर संकल्प लिए जाएंगें।