प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 अप्रैल को रामनवमी के दिन तमिलनाडु के पंबन रेल पुल का उद्घाटन कर सकते हैं। इससे रामेश्वरम के लिए रेल कनेक्टिविटी बेहतर होगी। यह पुल देश का पहला वर्टिकल सी ब्रिज है। इस समुद्री पुल को व्यावसायिक रूप से खोलने की तैयारी पूरी जोरों पर है। जानकारी के अनुसार दो किलोमीटर से थोड़ा ज्यादा लंबा ये पुल इंजीनियरिंग का एक चमत्कार है।
दरअसल, यह मेन रोड को रामेश्वरम द्वीप से जोड़ता है। बता दें यह पुल यहां स्थित पुराने पुल की जगह लेगा। पुराना पुल साल 1914 में बनाया गया था, जो उस समय रामेश्वरम और मुख्य भूमि के बीच एकमात्र संपर्क था। जानकारी के अनुसार ये पंबन पुल करीब 6790 फीट लंबा वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज है। बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2019 में इस नए पुल की आधारशिला रखी थी। इसे करीब 500 करोड़ से अधिक से लागत से बनाया गया है।
रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना,
रामेश्वरम स्थित रामनाथस्वामी मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है और 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीराम ने लंका पर विजय प्राप्त करने से पहले यहीं शिवलिंग की स्थापना की थी और पूजा-अर्चना की थी। राम नवमी के अवसर पर पीएम मोदी की इस यात्रा को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पीएम मोदी इस दौरान भारत के पहले नए पंबन रेलवे पुल का उद्घाटन भी करेंगे, जो तमिलनाडु के मंडपम को रामेश्वरम द्वीप से जोड़ता है। यह पुल देश के सबसे पुराने समुद्री पुलों में से एक (पुराने पंबन पुल, 1914) के स्थान पर बनाया गया है।
New Pamban Bridge: An engineering marvel !
This dual-track state-of-the-art bridge will be the country’s first Vertical Lift Railway Sea Bridge and is expected to be completed by March 2022. pic.twitter.com/BaFVxAVkCM
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) October 3, 2021
क्या है नए पंबन पुल की खासियत? पुराने के मुकाबले अधिक मजबूत और आधुनिक तकनीक से लैस
वर्टिकल लिफ्ट टेक्नोलॉजी: इस पुल में एक वर्टिकल लिफ्ट सिस्टम लगाया गया है, जिससे बड़े जहाजों के गुजरने के लिए पुल का एक हिस्सा ऊपर उठाया जा सकता है। यह पुल करीब 2.05 किमी लंबा है और पुराने पुल की तुलना में अधिक भार वहन करने में सक्षम है।
रेलवे कनेक्टिविटी: यह पुल दक्षिण भारत के महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा। नया पुल यात्रियों के लिए सुरक्षित और सुचारू यात्रा सुनिश्चित करेगा।
किया गया ट्रेन नियंत्रण प्रणाली से इंटरलॉक
यह पुल 100 स्पैन (प्रत्येक 18.3 मीटर) और एक नेविगेशनल स्पैन (63 मीटर) का निर्माण किया गया है। यह मौजूदा पुल से 3.0 मीटर ऊंचा होगा, जिससे समुद्र स्तर से इसकी नेविगेशनल एयर क्लीयरेंस 22.0 मीटर होगी। यह पुल जहाजों के आवागमन के लिए इलेक्ट्रो-मैकेनिकल नियंत्रित प्रणाली से लैस होगा, जिसे ट्रेन नियंत्रण प्रणाली से इंटरलॉक किया गया है। इसमें काउंटरवेट मैकेनिज्म का उपयोग किया गया है, जिससे इसे संचालित करने में कम बिजली की खपत होगी।
तमिलनाडु में पीएम मोदी की यात्रा क्यों महत्वपूर्ण?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा चुनावी दृष्टि से भी अहम मानी जा रही है। तमिलनाडु में लोकसभा चुनाव से पहले उनका यह दौरा महत्वपूर्ण है क्योंकि दक्षिण भारत में बीजेपी एल अपने राजनीतिक प्रभाव को और मजबूत करने का प्रयास कर रही है। रामेश्वरम में पीएम मोदी की यह यात्रा धार्मिक और विकास दोनों दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। बीजेपी तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एनडीए को भी मजबूत करने के प्रयास में लगी है। हाल में ही एआईएडीएमके के चीफ और पूर्व सीएम ईपीएस की अमित शाह के साथ दिल्ली में बैठक हुई थी, माना जा रहा है एआईएडीएमके जल्द ही एनडीए में शामिल होगा । पीएम के तमिलनाडु यात्रा पुल के उद्घाटन और मंदिर में पूजा अर्चना से राजनीतिक लाभ की भी उम्मीद बीजेपी को है।
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