Delhi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को संसद में सुबह 10:45 बजे से शाम 6:45 बजे तक सांसदों के साथ पूरा दिन बिताया। एक कार्यकर्ता की तरह पिछली पंक्ति में बैठकर उन्होंने एकजुटता का संदेश दिया और सांसदों को कई अहम नसीहतें दीं।
जनसंपर्क पर दिया जोर
मोदी ने कहा कि सांसद जनता से लगातार जुड़े रहें, खासकर ग्रामीण इलाकों में जाकर जागरूकता फैलाएं। उन्होंने ऑनलाइन गेमिंग बैन का उदाहरण देते हुए कहा कि जानकारी की कमी के कारण ग्रामीण परिवार परेशान होते हैं। पीएम ने कहा कि सांसदों को सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों पर नज़र रखनी चाहिए ताकि मदद सही हाथों तक पहुंचे। इसके अलावा उन्होंने ‘टिफिन मीटिंग’ जैसे मासिक कार्यक्रमों का सुझाव भी दिया।
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सत्र की तैयारी गंभीरता से करें
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सांसदों से कहा कि वे समिति की रिपोर्ट ध्यान से पढ़ें और सत्र की तैयारी गंभीरता से करें। उन्होंने सरकारी अधिकारियों से टकराव से बचने की सलाह दी और कहा कि वे संसाधन हैं, दुश्मन नहीं। साथ ही सांसदों को चेताया कि वे कॉरपोरेट एजेंडे का हिस्सा न बनें और किसी भी तरह के पक्षपाती सवालों से बचें। उनका कहना था कि जनता का हित हमेशा सर्वोपरि रहना चाहिए।
सोमवार को भी चलेगी बैठक
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ग्रामीण और शहरी समस्याओं को अलग-अलग समझने की ज़रूरत है। उन्होंने सिंगापुर का उदाहरण देते हुए कहा कि एकजुट प्रयास से देश नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है। स्वच्छता अभियान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह केवल फंडिंग नहीं, बल्कि अनुशासन और सतत प्रयास का विषय है। इस सत्र में युवा और अनुभवी दोनों तरह के सांसद मौजूद रहे। यह बैठक सोमवार को भी दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगी। जिसमें प्रधानमंत्री के अंतिम संबोधन की संभावना है।
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