कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान पर कहा, "...राहुल गांधी ने रिसर्च करके तथ्यों के साथ सारे चीजे दी. ये सच है कि वोट चोरी तो छोटा शब्द है. अगर वोटों की डकैती न हो तो भाजपा सरकार नहीं बना सकती है और आज न सरकार बनी होती...अब तो आंकड़े बोल रहे हैं कि जिस तरीके से हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार में हुआ उसके वजह से मोदी जी जीते हैं भाजपा जीती है...राहुल गांधी वही बोलते हैं जो सच होता है.."
Parliament Winter Session Day-7: संसद के शीतकालीन सत्र का आज 7वां दिन है. लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में वंदे मातरम् को लेकर जोरदार बहस चल रही है. आज राज्यसभा में चर्चा हो रही है, जिसकी शुरुआत गृह मंत्री अमित शाह ने की है और शाम को कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी पलटवार की शुरुआत करेंगे. सोमवार को लोकसभा में वंदे मातरम् पर पूरा दिन बहस हुई थी और 60 से ज्यादा लोगों ने चर्चा की थी. प्रधानमंत्री मोदी ने चर्चा की शुरुआत की थी और विपक्ष की ओर से प्रियंका गांधी ने सत्ता पक्ष पर पलटवार किया था.
संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही कल सुबह 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. उच्च सदन में राष्ट्रगीत वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में विशेष चर्चा चल रही थी.
लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'इंडी अलायंस वाले न तो कल वंदे मातरम् को अपना पाए थे, और न ही आज अपना पाए हैं.'
राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा, 'यह विचार कि भारत संघ का हर धागा, हर व्यक्ति समान है, ये बात आरएसएस के मेरे दोस्तों को परेशान करता है. वे इस ताने-बाने को देखकर खुश होते हैं, लेकिन वे इस विचार को बर्दाश्त नहीं कर सकते कि हमारे देश के ताने-बाने में हर एक व्यक्ति, चाहे वह किसी भी धर्म से आता हो, चाहे वह किसी भी समुदाय से आता हो, चाहे वह कोई भी भाषा बोलता हो, समान होना चाहिए, क्योंकि वे मूल रूप से समानता में विश्वास नहीं करते. वे पदानुक्रम में विश्वास करते हैं, और उनका मानना है कि उन्हें उस पदानुक्रम में सबसे ऊपर होना चाहिए.'
#watch | In the Lok Sabha, LoP and Congress MP Rahul Gandhi says, "Have you ever wondered why Mahatma Gandhi laid such emphasis on Khadi? Why was it that he framed the entire Indian freedom struggle around the concept of khadi, and why is it that he only wore Khadi? Because Khadi… pic.twitter.com/rTJaePZJGm
— ANI (@ANI) December 9, 2025
'हमारा देश एक ताना-बाना है. यह 1.4 अरब लोगों से बना है और यह ताना-बाना वोट से बुना जाता है.'
30 जनवरी, 1948 को महात्मा गांधी के सीने में तीन गोलियां लगीं. नाथूराम गोडसे ने हमारे राष्ट्रपिता की हत्या की. आज हमारे दोस्तों ने उसे दूर धकेल दिया है. वह एक कड़वी सच्चाई है, लेकिन यह परियोजना यहीं समाप्त नहीं हुई. जैसा कि मैंने कहा, सब कुछ वोट से ही निकला है. सभी संस्थाएं वोट से ही उभरी हैं. इसलिए यह स्पष्ट है कि आरएसएस को उन सभी संस्थाओं पर कब्जा करना होगा जो वहाँ से उभरी हैं.
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी कहते हैं, 'क्या आपने कभी सोचा है कि महात्मा गांधी ने खादी पर इतना ज़ोर क्यों दिया? उन्होंने खादी की अवधारणा को आधार बनाकर स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व क्यों किया? उन्होंने सिर्फ़ खादी ही क्यों पहनी? यह सिर्फ एक कपड़ा नहीं है, यह भारत के लोगों की अभिव्यक्ति है."
राज्यसभा में 'वंदे मातरम' पर बहस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह की स्पीच पर पलटवार करते हुए विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जवाहरलाल नेहरू का अपमान करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं और गृह मंत्री अमित शाह भी यही करते हैं. लेकिन वे दोनों सिर्फ पंडित नेहरू को ही निशाना क्यों बनाते हैं?
जिस कार्यसमिति ने प्रस्ताव पारित करके ऐलान किया था कि राष्ट्रीय समारोहों में जब भी वंदे मातरम् गया जाएगा तो उसके 2 पैरा ही गाए जाएंगे, उस कार्यसमिति में सिर्फ जवाहर लाल नेहरू ही नहीं थे, बल्कि महात्मा गांधी, मौलाना आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र, सरदार पटेल, गोविंद वल्लभ पंत भी थे, उस पर कभी सवाल क्यों नहीं उठाए जाते?
राज्यसभा में 'वंदे मातरम' पर बहस के दौरान विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जब महात्मा गांधी ने 1921 में असहयोग आंदोलन शुरू किया था, तब कांग्रेस के लाखों स्वतंत्रता सेनानी 'वंदे मातरम' का नारा लगाते हुए जेल गए थे. आप क्या कर रहे थे? आप अंग्रेजों के लिए काम कर रहे थे.
राज्यसभा में वंदे मातरम् पर चर्चा जारी है और गृह मंत्री अमित शाह की स्पीच पर पलटवार किया जा रहा है. कांग्रेस की तरफ से चर्चा का जवाब देते हुए नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जु खड़गे ने कहा कि जिन श्यामा प्रसाद मुखर्जी की गृह मंत्री अमित शाह बात कर रहे हैं, वे मुस्लिम लीग में मंत्री थे.
वंदे मातरम् पर गृह मंत्री अमित शाह की स्पीच का पलटवार करते हुए नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी स्पीच शुरू करने से पहले वंदे मातरम् के नारे लगाए. उन्होंने कहा कि 60 साल में वंदे मातरम् का गीत का रहा हूं. गृह मंत्री के बोलने के बाद मुझे बोलने का मौका देने के लिए सभापति का आभार. बंकिमजी को, आजादी के लिए बलिदान देने वालों को नमन करता हूं, लेकिन वंदे मातरम् पर आज चर्चा करने वाले भूल गए हैं कि 1896 में कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में ही रविन्द्रनाथ टैगोर ने पहली बार वंदे मातरम् गाया था. वंदे मातरम् सबसे पहले कांग्रेसियों की आवाज बना था, उसके बाद वंदे मातरम् जन-जन की आवाज बना, एक नारा बना.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि महात्मा गांधी ने जिस वंदे मातरम् को देश की आत्मा से जुड़ा गीत कहा, उसके टुकड़े करने का काम कांग्रेस ने किया, जबकि वंदे मातरम् ने ही भारत मां की आजादी के आंदोलन को तेज किया था, जन-जन तक पहुंचाया था. श्यामजी कृष्ण वर्मा, मैडम भीखाजी कामा और वीर सावरकर ने भारत का त्रिवर्ण ध्वज बनाया था, उस पर भी वंदे मातरम् लिखा था. बंकिम चंद्र की 130वीं जयंती पर BJP सरकार ने एक स्टांप जारी किया था. आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर भी मोदी सरकार ने हर घर तिरंगा अभियान शुरू किया था और संदेश दिया था कि तिरंगा फहराते समय वंदे मातरम् का नारा लगाना है.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वंदे मातरम् का विरोध कांग्रेसियों के खून में है. नेहरू के नेतृत्वी वाली कांग्रेस भी वंदे मातरम् की विरोधी थी और आज की कांग्रेस भी वंदे मातरम् की विरोधी लग रही है. गुलामी की जंजीरों में बंधे भारतीयों के मन में आजादी की अलख वंदे मातरम् ने जगाई और देशभक्ति का जुनून पैदा किया. वंदे मातरम 50 साल का हुआ तो देश बंदी था, 100 साल का हुआ तो देश बंदी था, आज 150 साल का हुआ तो इसका विरोध हो रहा है. तब इसके विरोध के समय जवाहरलाल नेहरू होकर भी नहीं थे और आज चर्चा हो रही है तो भी गांधी परिवार के दोनों सदस्य राहुल-प्रियंका नदारद थे और हैं.
राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वंदे मातरम् बेशक पश्चिम बंगाल में लिखा गया. बंगाल में पैदा हुए बंकिम चंद्र चटर्जी ने इसकी रचना की, लेकिन यह सिर्फ बंगाल का नहीं, बल्कि पूरे देश की आवाज बना. पूरे देश में बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक ने इसका जाप किया. हर जुबान से यह मंत्र निकला. पूरी दुनिया में जहां भी भारत की आजादी के लिए संघर्ष हुआ, वहां वंदे मातरम् का मंत्र गूंजा. स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए बलिदान दिया तो वंदे मातरम् उनकी जुबान पर था. आज भी सरहद पर जब कोई जवान भारत मां की रक्षा करते हुए बलिदान देता है तो उसकी जुबानी पर वंदे मातरम् होता है.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भावी पीढ़ियों को वंदे मातरम् के बारे में, इसका महत्व और इसके इतिहास के बारे में बताना जरूरी है. इसलिए यहां वंदे मातरम् का यशोगान कर रहे हैं. जिसे देश के किशोरों, युवाओं, आने वाली पीढ़ियों को देश की आजादी में वंदे मातरम् के योगदान के बारे में पता चलेगा. वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने के साक्षी बनकर सौभाग्यशाली महसूस कर रहे हैं. वंदे मातरम् पर चर्चा की जरूरत भी इसलिए पड़ी, क्योंकि वंदे मातरम् के प्रति समर्पण और इसके महत्व को बारे में भावी पीढ़ियों को बताना है. इस पर चर्चा तब भी जरूरी थी, जब वह बना था और आज भी जरूरी है.










