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अमेरिका में बसने के लिए पैरेंट्स ने निकाला नया तरीका, बॉर्डर पर बच्चों को चले जाते हैं छोड़कर

Parents use children settle in America kids left at US borders: अमेरिका में बसने की चाह के लिए बच्चों के इस्तेमाल में बढ़ोतरी हुई है। अमेरिका की एक रिपोर्ट के अनुसार, तीन साल के भीतर इस तरह के मामलों में 233% का इजाफा हुआ है।

Edited By : khursheed | Updated: Dec 16, 2023 00:45
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अमेरिका में बसने के लिए पैरेंट्स ने निकाला नया तरीका, बॉर्डर पर बच्चों को चले जाते हैं छोड़कर

Parents use children settle in America kids left at US borders: अमेरिका में बसने की बहुत ही मुश्किल प्रक्रिया मानी है, इसके लिए लोगों को कई कागजी कार्रवाई से गुजरना पड़ता है। हालांकि, कई बार उनका आवेदन भी खारिज कर दिया जाता है। भारत से अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने के हजारों मामले सामने आए हैं, जहां अमेरिकी अधिकारियों ने लोगों को हिरासत में लिया है। अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश के लिए लोग कई तरीकों का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें से एक बच्चों को बोर्डर पर छोड़ने का तरीका है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में तीन साल के भीतर 233% की रिकॉर्ड बढोतरी हुई है।

अमेरिका में बसने लिए कैसे किया जा बच्चों का इस्तेमाल

अमेरिका में बसने की चाह रखने वाले माता-पिता अपने बच्चों को अमेरिका से सटे बॉर्डर पर छोड़कर चले जाते हैं ताकि अमेरिकी एजेंसियां उनके बच्चों को अपनी कस्टडी में कर ले। अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वाले लोगों को पता है कि अगर बच्चों को सीमा पर छोड़ दिया जाएगा, तो अमेरिकी एजेंसियां ​​उन्हें अपने कब्जे में ले लेंगी और उन्हें सुरक्षित रखेंगी क्योंकि बच्चों को ग्रीन कार्ड मिलना आसान होता है। अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (USCBP) के डेटा के अनुसार, बच्चों को बोर्डर पर छोड़ने के मामलों में 2020 और 2023 के बीच 233% इजाफा हुआ है।

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चार साल के बच्चों का भी इस्तेमाल

अमेरिकी वित्तीय वर्ष में अमेरिकी एजेंसियों को बॉर्डर पर 730 भारतीय बच्चे अकेले पाए गए, जो 2020 के बाद से सबसे अधिक संख्या है। इस साल के अक्टूबर में ही 78 बच्चे बॉर्डर पर मिले, जिसमें से 73 मेक्सिको के बॉर्डर पर पाए गए। जबकि पांच बच्चे कनाडा सीमा पर मिले। रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से अधिकतर बच्चे 10 से 14 साल के हैं, इतना ही नहीं इनमें चार साल की उम्र के बच्चे के भी शामिल हैं। गुजरात पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका में बच्चों को ग्रीन कार्ड आसानी से मिल जाते हैं और कुछ मामलों में बच्चों को पहले अमेरिका भेजा जाता है और उनके माता-पिता फिर जाकर शरण मांगते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, उत्तरी गुजरात के मेहसाणा और गांधीनगर जिलों से मानव तस्कर बच्चों को अमेरिका भेजते हैं, जिससे उनके माता-पिता को अमेरिका में बसने में भी मदद मिलती है।

 

गुजरात से सबसे ज्यादा आए ऐसे मामले 

रिपोर्ट के अनुसार, कभी-कभी बच्चों के माता-पिता अवैध रूप से अमेरिका चले जाते हैं और फिर अपने बच्चों को लाने की व्यवस्था करते हैं। इसके लिए वे अन्य अवैध अप्रवासियों के साथ गठजोड़ करते हैं जो बच्चों को अमेरिकी सीमा तक लाते हैं। एक बार जब इन बच्चों को अमेरिकी एजेंसी द्वारा अपनी हिरासत में ले लिया जाता है, तो अमेरिका में उनके माता-पिता या रिश्तेदारों को एक वकील मिलता है। जिससे उन्हें अमेरिका में अवैध रूप से बसना आसान हो जाता है।

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First published on: Dec 15, 2023 11:58 PM

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