Para- Acher Sheetal Devi Received The Arjun Award: जम्मू कश्मीर के गांव की रहने वाली शीतल देवी ने बिना हाथों के देश के लिए पैरा एशियन गेम्स में मेडल जीतकर विदेशी धरती पर तिरंगा लहराया। पैरों से तीर-धनुष चलाने वाली शीतल देवी ने पिछले साल पैरा एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। उनकी इस उपलब्धि के लिए उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति भवन में जब शीतल देवी का नाम लिया गया तो पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा था।
#WATCH | Delhi: Para-archer Sheetal Devi received the Arjuna Award from President Droupadi Murmu at the National Sports Awards. pic.twitter.com/jwkFEd2CjH
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) January 9, 2024
जन्म से नहीं हैं दोनों हाथ
जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ क्षेत्र की रहने वाली वाली 16 साल की शीतल को सेना की ओर से कटरा स्थित माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड तीरंदाजी अकादमी में लाया गया था। शीतल देवी के जन्म से ही दोनों हाथ नहीं हैं। हाथ नहीं होने के बावजूद शीतल पैर, कंधे और मुंह के सहारे धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाकर निशाना लगाती हैं। वर्ल्ड आर्चरी के अनुसार, बिना हाथों के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीरंदाजी करने वाली शीतल दुनिया की पहली महिला तीरंदाज हैं।
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अवार्ड देशवासियों को किया समर्पित
एशियाई पैरा खेलों के बाद उन्होंने 23 नवंबर को बैंकॉक में एशियाई पैरा तीरंदाजी में प्रदर्शन करते हुए 2 स्वर्ण और एक रजत पदक जीता था। अवार्ड जीतने के बाद शीतल ने कहा कि यह अवार्ड देशवासियों को समर्पित करती हूं। यह अवार्ड जीतकर मैं गौरवान्वित महसूस कर रही हूं।
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पैरा एशियाई खेलों में 2 स्वर्ण पदक जीता
शीतल पानी की बोतल को अपने पैर की अंगुलियों से उठाकर उसे उछाल रही हैं, बोतल को उछालने के बाद वह बोतल वापस जमीन पर पहले की तरह खड़ी हो जाती है। लोग तो हाथों से भी बोतल नहीं रख पाते हैं। आपको बता दें कि उन्होंने हांगझोऊ पैरा एशियाई खेलों में 2 स्वर्ण पदक जीते हैं।