दुनिया में हर जगह आतंकियों का पता और सुराग लगाने के लिए इनाम रखा जाता है, लेकिन पाकिस्तान आईएमएफ से लोन लेकर आतंकियों पर करोड़ों रुपये लुटा रहा है। आतंकियों के लिए शहबाज शरीफ की सरकार ने अपना खजाना खोल दिया है। इसे लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सवाल उठाए हुए कहा कि पाकिस्तान अपने नागरिकों के टैक्स रेवेन्यू का 14 करोड़ रुपये जैश-ए-मोहम्मद के यूएन द्वारा घोषित आतंकी मसूद अजहर को वित्तपोषित करने के लिए आवंटित करेगा।
पाकिस्तान सरकार ने पीओके में घायलों और मारे गए लोगों के लिए मुआवाजे के तौर 53 करोड़ रुपये जारी किए। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान में स्थित आतंकी शिविरों को निशाना बनाया। इस हमले में आतंकी मारे गए तो इसका मतलब ये है कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को दोबारा बनाने और मारे गए आतंकियों के परिजनों के लिए शहबाज सरकार ने अपना खजाना खोल दिया है।
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शहबाज शरीफ सरकार ने आतंकियों के खिलाफ खोला खजाना
इससे पहले पाकिस्तान की सरकार ने मारे गए आतंकियों के लिए एक करोड़ प्रति व्यक्ति की राशि घोषित की थी। अब सरकार ने पीओके के लिए पैसे जारी किए। इसे लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात के भुज एयरबेस पर जवानों को संबोधित करते हुए पाकिस्तान द्वारा अपने आतंकवादी ढांचे के पुनर्निर्माण के नए प्रयासों पर गंभीर चिंता जताई और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से इस्लामाबाद को दी जाने वाली एक अरब डॉलर की सहायता पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।
जैश को 14 करोड़ देगा पाकिस्तान, राजनाथ सिंह का दावा
रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि पाकिस्तान लोगों से लिए गए टैक्स का इस्तेमाल जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन के प्रमुख मसूद अजहर को करीब 14 करोड़ रुपये देने में करेगा, भले ही वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी है। पाकिस्तानी सरकार ने मुरीदके और बहावलपुर में स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए वित्तीय सहायता का ऐलान किया है। IMF द्वारा पाकिस्तान को दी जाने वाली एक अरब डॉलर की सहायता का एक बड़ा हिस्सा आतंकवादी ढांचे को वित्तपोषित करेगा।
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