मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को लेकर कल पूरे दिन गहमागहमी का दौर रहा। प्रत्यर्पण के बाद एनआईए ने उसे हिरासत में लिया। देर रात पटियाला हाऊस कोर्ट ने राणा को 18 दिन की एनआईए की रिमांड पर भेज दिया। तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर पाकिस्तान की सरकार की चिंता बढ़ गई है। क्योंकि राणा मुंबई हमलों की साजिश में पाकिस्तान की भूमिका की जांच करेगा।
तहव्वुर राणा को लेकर ना चाहते हुए भी देर रात पाकिस्तान से भी पहला बयान सामने आया। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक वीडियो मैसेज जरिए कहा कि उसने पिछले दो दशकों से अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों का नवीनीकरण नहीं कराया है। उसकी कनाडाई राष्ट्रीयता बहुत स्पष्ट है। पाकिस्तान राणा के प्रत्यर्पण से इस कदर घबराया है कि वो खुद को राणा से अलग करने में जुट गया है।
पाकिस्तान को पोल खुलने का डर
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि पाकिस्तान राणा के प्रत्यर्पण पर इतना घबराया हुआ क्यों है? इसकी पहला कारण तहव्वुर राणा का पाकिस्तान से रिश्ता है। उसके पास भले ही कनाडा की नागरिकता हो, लेकिन वह जन्मा तो पाकिस्तान में ही है। राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर रहा है। इसके साथ ही वह आईएसआई के संपर्क में भी रहा है। ऐसे में उसे अब डर है कि तहव्वुर राणा 26/11 मामले में पाकिस्तान को दुनिया के सामने जगजाहिर कर देगा। क्योंकि वह इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता है।
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ग्रे लिस्ट से बाहर आया था पाकिस्तान
राणा को दुनिया को बता देगा कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई मिलकर भारत में आतंक फैलाने का काम करते हैं। बता दें कि पाकिस्तान तीन साल पहले ही ग्रे लिस्ट से बाहर आया है। ग्रे लिस्ट में होने के कारण विदेशी एजेंसियां और अन्य देश उन्हें आर्थिेक मदद नहीं दे रहे थे। ऐसे में अब जब उसके हालात ठीक होने लगे उससे पहले ही राणा ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया है।
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