जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 27 लोगों की जान चली गई। 4 से 7 आतंकी भारतीय सेना की वर्दी पहनकर आते हैं और नरंसहार करके फरार हो जाते हैं। पूरा देश नरसंहार के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहरा रहा है। पाकिस्तान और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ भारतीयों का खून खौल रहा है।
हर भारतीय यह सवाल पूछ रहा है कि इन 27 मौतों का बदला कौन लेगा? क्या 27 लोगों की मौत भी बस आंकड़ा बनकर रह जाएगी? प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय सेना क्या नरसंहार का मुंहतोड़ जवाब देगी? 10 सवाल हैं, जिनके जवाब भारतीयों को चाहिए। आइए वो 10 सवाल जानते हैं…
आइए वो 8 सवाल जानते हैं…
1. कितनी और कैसी तैयारी करके आए थे आतंकी?
2. हमला करने के बाद कहां गए आतंकी?
3. आतंकियों को सबसे पहले किसने देखा था?
4. आतंकियों की आखिरी लोकेशन क्या थी?
5. क्या आतंकी हमला सुरक्षा में चूका का नतीजा था़
6. कश्मीर में टूरिस्टों की सिक्योरिटी किसकी जिम्मेदारी थी?
7. क्या बैसरन घाटी के लिए सुरक्षाकर्मियों में कमी थी?
8. हमले के अलर्ट को गंभीरता से क्यों नहीं लिया गया?
9. आतंकियों के घुसने की भनक भारतीय सेना को क्यों नहीं लगी?
10. आतंकी हमले के इनपुट थे तो सुरक्षा क्यों नहीं बढ़ाई गई?
आतंकी हमला होने के इनपुट मिले थे
सूत्रों से मिली रिपोर्ट के अनुसार, आतंकी 15 दिन पहले भारतीय सीमा में घुसे थे। दक्षिण कश्मीर में आतंकी हमले के इनपुर भारतीय खुफिया एजेंसियों को मिले थे। अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले के इनपुट भी मिले थे। स्लीपर सेल की मदद से रेकी किए जाने की खबर भी मिली थी। गैर-कश्मीरियों को टारगेट बनाए जाने के इनपुट थे। बैसरन घाटी में आतंकी हमला हो गया तो सभी इनपुट पुख्ता साबित हो गए, लेकिन सवाल यह है कि आखिर आतंकी हमले के अलर्ट को गंभीरता से क्यों नहीं लिया गया?
इस सवाल का जवाब देश की जनता को भारत सरकार, भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों से चाहिए। आखिर कश्मीर में टूरिस्टों की जिम्मेदारी किसके भरोसे थी? भारतीयों ने आतंकियों को सबक सिखाने और मृतकों को इंसाफ दिलाने की मांग की है। क्या मोदी सरकार इस बार भी सिर्फ एयर स्ट्राइक जैसी कार्रवाई करके चुप बैठ जाएगी।