पहलगाम आतंकी हमले से 26 पर्यटकों की जान चली गई। वहीं 17 पर्यटक घायल हो गए। हमले के बाद मोदी सरकार ने कई बड़े और कड़े फैसले लिए हैं जिससे पाकिस्तान की कमर टूटना तय है। आतंकी हमले में जान गंवाने वाले मृतकों का आज अंतिम संस्कार होगा। इस दौरान मृतकों के परिजनों ने कहा कि दो टके के आतंकी भारत सरकार को चुनौती देकर चले गए। सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। इस बीच एक ऐसी दंपत्ति सामने आए हैं जो घटना से 15 मिनट पहले पहलगाम की बैसरण घाटी में मौजूद थे।
ऐसे बची ठाकुर दंपत्ति की जान
मुंबई की थाने निवासी ठाकुर दंपत्ति ने बताया कि वे इस घटना से आधा घंटे पहले बैसरण घाटी में थे। थाने के घोडबंदर रोड पर स्थित कासरवडवली इलाके में रहने वाले प्रणय ठाकुर और मनाली ठाकुर छुट्टियां मनाने जम्मू-कश्मीर गए थे। पहलगाम से आते समय वे केवल 15 मिनट पहले हादसे वाली जगह से गुजरे थे। इसके बाद वे होटल पहुंच गए। जिसके कुछ देर बाद ही आतंकी हमला हो गया। ठाकुर दंपत्ति ने बताया कि वे घर की ओर निकल गए हैं। प्रणय ठाकुर के भाई ने सरकार ने अपील की है कि सभी पर्यटकों को उनके घर पहुंचने में मदद की जाए।
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सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई
बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार ने पाकिस्तान की कमर तोड़ने वाले 5 बड़े फैसले लिए हैं। इसमें सिंधु जल समझौता स्थगित करना, वीजा रद्द करना और अटारी बॉर्डर सील करना है। वहीं विपक्ष की मांग पर आज सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। जिसमें गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल होंगे। जानकारी के अनुसार गृहमंत्री अमित शाह विपक्ष को घटना के बारे में ब्रीफ करेंगे।
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