22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में सभी पुरुष थे और ये सभी पर्यटक थे जो घूमने के लिए गए थे। जब सभी लोग आनंद ले रहे थे, तभी आतंकियों ने धर्म पूछ-पूछकर गोलियां मार दी थीं। इसके बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया था। हर कोई इस आतंकी हमले को लेकर करारा जवाब दिए जाने की मांग कर रहा था।
जिस वक्त हमला हुआ था, उस समय भारत के प्रधानमंत्री सऊदी अरब के दौरे पर थे। उन्होंने दौरा बीच में ही छोड़ने का फैसला किया था। गृह मंत्री अमित शाह को तुरंत जम्मू-कश्मीर पहुंचने के निर्देश दिए गए। अमित शाह जम्मू-कश्मीर गए, उच्चस्तरीय बैठक की, और फिर उस स्थान पर भी पहुंचे जहाँ आतंकियों ने बर्बरता की थी।
22 अप्रैल को हुआ हमला और फिर…
22 अप्रैल को हमला हुआ और 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री दिल्ली लौट आए। उसी शाम प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में दिल्ली में एक बैठक हुई। इस बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े फैसले लिए गए। इनमें सिंधु जल समझौते को रद्द करना, अटारी बॉर्डर को बंद करना, और पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश देना शामिल था। इस पर पाकिस्तान तिलमिला उठा था। पाकिस्तान ने लगातार धमकी दी कि अगर पानी रोका गया तो इसे युद्ध की कार्यवाही (Act of War) माना जाएगा। उसने कई गीदड़भभकियाँ दीं, लेकिन भारत पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।
30 अप्रैल को कैबिनेट की बैठक में लिए गए कई बड़े निर्णय
हमले के आठ दिन बाद, 30 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट, तीनों सेना प्रमुखों और सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक हुई, जिसमें आतंकी हमलों का जवाब देने के लिए रणनीति तैयार की गई। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में जवाबी सैन्य कार्रवाई से जुड़े कड़े निर्णय लिए गए।
1 मई को भारत सरकार ने उठाया बड़ा कदम
हमले के बाद 1 मई को भारत सरकार ने पाकिस्तान के लिए अपना हवाई क्षेत्र पूरी तरह बंद कर दिया। भारत के इस कदम के जवाब में पाकिस्तान ने भी भारत के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया।
6–7 मई की रात: भारतीय सेना का जवाबी हमला
भारत की ओर से 6 और 7 मई की रात को भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद कई आतंकी ठिकानों पर हमला कर दिया। इस हमले में कई आतंकी मारे गए। सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया कि सेना ने केवल आतंकियों और उनके ठिकानों को निशाना बनाया था, न कि नागरिकों या सैन्य प्रतिष्ठानों को।
इसके बाद पाकिस्तान फिर बौखला गया। इस घटना के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि भारत के इस हमले का जवाब दिया जाएगा और पूरा देश पाकिस्तानी सेना के साथ खड़ा है। इसके बाद, 8 मई की रात को पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल हमले की कोशिश की गई, लेकिन तैयार बैठी भारतीय सेना ने पाकिस्तानी मिसाइलों और ड्रोनों को एक-एक कर नाकाम कर दिया। 9 मई की रात को भी पाकिस्तान की ओर से हमले की कोशिश की गई, जिसे भारतीय सेना ने फिर से विफल कर दिया।
दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा था। पूरे विश्व की नजर भारत और पाकिस्तान के अगले कदम पर टिकी हुई थी। दोनों देश परमाणु हथियारों से लैस हैं, ऐसे में पूरा विश्व चिंतित था। माना जा रहा था कि भारत दो दिनों से हो रहे पाकिस्तानी हमलों का करारा जवाब दे सकता है। लेकिन इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का बयान आया कि दोनों देश सीजफायर के लिए तैयार हो गए हैं।