---विज्ञापन---

देश

46 साल बाद मिला ‘इंसाफ’; पेंशन को लेकर हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, मामला सबक भी सिखाएगा

Pension Case Judgement: 46 साल से हक की लड़ाई लड़ रही थी। अब जाकर इंसाफ मिला। हाईकोर्ट ने पेंशन से जुड़े केस में विधवा महिला के हक में फैसला सुनाया, जानिए मामला...

Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Nov 19, 2023 08:39
Pension Case Judgement
Pension Case Judgement

Orissa High Court Judgement In Pension Case: 46 साल से हक की लड़ाई लड़ रही थी। अब जाकर इंसाफ मिला। हाईकोर्ट ने पेंशन से जुड़े केस में विधवा महिला के हक में फैसला सुनाया। अब उसे पेंशन मिलेगी, लेकिन विशेष बात यह है कि पति की मौत के 46 साल बाद पेंशन मिलेगी और वह इस समय 91 साल की हो चुकी है। इस उम्र में वक्त का कुछ पता नहीं चलता, लेकिन महिला को जीत का संतोष है। मामला उड़ीसा का है। हाईकोर्ट ने केंद्रपाड़ा जिला कलेक्टर को महिला को पारिवारिक पेंशन देने का निर्देश दिया है। महिला को राज्य अधिकारियों ने पेंशन देने से इनकार कर दिया था। उनका दावा था कि वह पेंशन के अयोग्य थी, क्योंकि पेंशन उसके पति की मृत्यु के बाद शुरू की गई थी।

 

---विज्ञापन---


अगस्त 1977 में हुई थी महिला के पति की मौत

न्यायमूर्ति बिरजा प्रसन्ना सतपथी की एकल न्यायाधीश पीठ ने महिला के मृतक पति की सेवानिवृत्ति की तारीख को ध्यान में रखते हुए उसके पक्ष में फैसला सुनाया। साथ ही कलेक्टर को 2 महीने के अंदर पेंशन जारी करने का आदेश दिया। महिला अपने बेटे, बहू और पोते-पोतियों के साथ केंद्रपाड़ा में रहती है। उसका नाम हारा साहू है। उसके पति बेनुधर साहू कासोती में रत्नाकर मिडिल इंग्लिश स्कूल में सहायक शिक्षक थे। 46 साल पहले 26 अगस्त 1977 को उनकी मृत्यु हो गई थी। हारा ने 1991 से स्कूल के साथ-साथ जन शिक्षा अधिकारियों के समक्ष पारिवारिक पेंशन के लिए कई आवेदन दायर किए थे, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। केंद्रपाड़ा कलेक्टर ने आवेदन अस्वीकार कर दिया। निराश होकर हारा ने 19 अक्टूबर को हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

2 महीने के अंदर पेंशन जारी करने के आदेश

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्य अधिकारियों ने पेंशन देने में आनाकानी की, क्योंकि महिला पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र नहीं थी, क्योंकि यह उसके पति की मृत्यु के बाद शुरू की गई थी। हालांकि न्यायमूर्ति सतपथी ने यह मानते हुए राहत दी कि बेनुधर की मृत्यु 1977 में हुई थी। सामान्य स्थिति में वह 1983 में सेवानिवृत्त होते। उन्होंने कलेक्टर को आदेश की प्रति जारी होने की तारीख से 2 महीने के भीतर पेंशन राशि जारी करने का आदेश दिया। हारा देवी अब 91 वर्ष की हैं और अपने इकलौते बेटे 60 वर्षीय सेवानिवृत्त मत्स्य विभाग कर्मचारी हैं। वे बहू और 3 पोते-पोतियों के साथ केंद्रपाड़ा के पालेई डेराकुंडी में रहती हैं।

First published on: Nov 19, 2023 08:35 AM

संबंधित खबरें