28 मार्च को म्यांमार और थाईलैंड में आए विनाशकारी भूकंप के बाद, भारत सरकार ने म्यांमार को सहायता भेजने के लिए ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ की शुरुआत की है। भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और NDRF मिलकर लगातार मदद पहुंचा रहे हैं। न्यूज़ 24 को मिली जानकारी के मुताबिक, भारतीय नौसेना के जहाज पूर्वी नौसेना कमान से सतपुरा और सावित्री यांगून के लिए रवाना हुए हैं। इसके अलावा, अंडमान और निकोबार कमांड से भारतीय नौसेना के जहाज कर्मुक और एलसीयू 52 भी यांगून के लिए भेजे जाएंगे, जो HADR (ह्यूमैनिटेरियन असिस्टेंस एंड डिजास्टर रिलीफ) संचालन में सहायता करेंगे।
इन जहाजों पर लगभग 52 टन राहत सामग्री भेजी गई है, जिसमें HADR पैलेट्स शामिल हैं। इनमें आवश्यक कपड़े, पीने का पानी, भोजन, दवाएं और आपातकालीन स्टोर शामिल हैं। आपको बता दें कि भारत सरकार हमेशा से “वसुधैव कुटुंबकम” के सिद्धांत पर चलती आई है। यदि पिछले 21 वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें, तो भारतीय सेना ने म्यांमार और थाईलैंड से पहले भी कई देशों को संकट के समय सहायता पहुंचाई है।
2004: ऑपरेशन कैस्टर और ऑपरेशन रेनबो
साल 2004 में आई सुनामी से श्रीलंका और मालदीव में भारी तबाही हुई थी। दोनों देशों को समझ नहीं आ रहा था कि इस संकट से कैसे निपटा जाए। तब भारतीय सेना हनुमान बनकर श्रीलंका और मालदीव पहुंची और सहायता प्रदान की। इस अभियान का नाम ऑपरेशन कैस्टर और ऑपरेशन रेनबो रखा गया। इस ऑपरेशन के तहत समुद्र में खोए हुए मछुआरों और नावों की खोज व बचाव कार्य किया गया था। इसमें तीन भारतीय नौसैनिक जहाज – आईएनएस मैसूर, आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस आदित्य भेजे गए थे।
2015: ऑपरेशन मैत्री
साल 2015 में नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप की याद आज भी ताजा है। उस समय भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन मैत्री’ शुरू किया था। इस अभियान के तहत पैरामिलिट्री बलों को भी नेपाल भेजा गया था ताकि राहत और बचाव अभियान तेजी से चलाया जा सके।
2021: वैक्सीन मैत्री अभियान
कोरोना महामारी के दौरान, जब पूरी दुनिया संकट में थी, तब भारत ने ‘वैक्सीन मैत्री’ अभियान की शुरुआत की। सरकार ने 20 जनवरी 2021 से कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध कराना शुरू किया। 9 मई 2021 तक, भारत ने 95 देशों को लगभग 66.3 मिलियन खुराक की आपूर्ति की।
2023: ऑपरेशन कावेरी
सूडान में 2023 में ऑपरेशन कावेरी तब शुरू किया गया, जब वहां सेना और अर्द्धसैनिक बलों के बीच युद्ध छिड़ गया था। इस ऑपरेशन में सूडान में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश लौटाने में मदद की गई थी। इसके लिए भारतीय वायु सेना के दो एयरक्राफ्ट और भारतीय नौसेना के शिप सुमेधा को शामिल किया गया था।