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Odisha News: बीमार नवजात को 40 बार गर्म लोहे से दागा, इंसानियत पर खड़े हुए सवाल

Odisha Superstition: एक मासूम बच्चा, जो अपनी तकलीफ भी नहीं बता सकता, उसकी नाजुक त्वचा पर जलते लोहे के निशान बना दिए गए। दर्द से कराहते उस नन्हे को अपनों ने ही अंधविश्वास की आग में झोंक दिया। ओडिशा में दिल दहला देने वाली यह घटना इंसानियत पर सवाल खड़े करती है।

Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: Mar 3, 2025 18:04
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Odisha Superstition: एक नन्हा मासूम, जो ठीक से रो भी नहीं सकता, उसकी कोमल त्वचा पर जलते हुए लोहे के निशान बना दिए गए। दर्द से तड़पते उस बच्चे की चीखें शायद हवा में गुम हो गईं, क्योंकि अपनों ने ही उसे बचाने के बजाय अंधविश्वास की आग में झोंक दिया। ओडिशा के नबरंगपुर जिले में दिल दहला देने वाली यह घटना सामने आई, जहां एक महीने के बच्चे को 40 बार गर्म लोहे से दागा गया। परिवार को लगा कि इससे वह ठीक हो जाएगा, लेकिन हकीकत इससे कहीं ज्यादा दर्दनाक थी। क्या अंधविश्वास मासूम की तकलीफ से बड़ा हो सकता है? आइए जानते हैं…

अंधविश्वास का खौफनाक अंजाम

ओडिशा के नबरंगपुर जिले में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां एक महीने के नवजात बच्चे को 40 बार गर्म लोहे से दागा गया। यह अमानवीय हरकत इसलिए किया गया क्योंकि परिवार के लोग मानते थे कि इससे बच्चा ठीक हो जाएगा। बताया जा रहा है कि बच्चे को पिछले दस दिनों से तेज बुखार था, लेकिन परिवार ने डॉक्टर के पास जाने के बजाय अंधविश्वास पर भरोसा किया। जब बच्चे की हालत बिगड़ने लगी, तब उसे उमरकोट सब-डिविजनल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसका इलाज शुरू किया।

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नवजात के सिर और पेट पर दागने की दर्दनाक घटना

चिकित्सा अधिकारियों के अनुसार, यह घटना फुंडेलपाड़ा गांव की है, जो गाम्भरिगुड़ा पंचायत के चांदाहांडी ब्लॉक में स्थित है। डॉक्टरों ने बताया कि परिवार के लोगों का मानना था कि गर्म लोहे से दागने से बच्चे के शरीर से बुरी आत्माएं बाहर निकल जाएंगी। इसी अंधविश्वास के चलते नवजात को सिर और पेट पर गर्म लोहे से दागा गया। डॉक्टरों ने पुष्टि की कि बच्चा फिलहाल स्थिर है, लेकिन उसे काफी दर्द सहना पड़ा है। उन्होंने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता बढ़ाने की जरूरत बताई।

अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता अभियान जरूरी

इस तरह के अंधविश्वास अभी भी दूरदराज के इलाकों में प्रचलित हैं, जहां लोग बीमारियों को बुरी आत्माओं या टोने-टोटके से जोड़कर देखते हैं। चिकित्सा अधिकारियों ने कहा कि वे जल्द ही इस क्षेत्र में जागरूकता अभियान शुरू करेंगे, ताकि लोग बीमारी के सही इलाज के लिए अस्पतालों में जाएं और इस तरह के खतरनाक उपायों से दूर रहें। प्रशासन ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया है और ऐसी प्रथाओं को रोकने के लिए कदम उठाने की बात कही है।

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Edited By

Ashutosh Ojha

First published on: Mar 03, 2025 06:04 PM

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