Muslim side doubt on ASI report on Gyanvapi Mosque case: वाराणसी ज्ञानवापी पर एएसआई की रिपोर्ट को लेकर मुस्लिम पक्ष ने संदेह जताया है। सामने आई एएसआई की रिपोर्ट ने हिंदू मंदिरों पर मुहर लगा दी है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वहां पहले एक बड़ा हिंदू मंदिर था। अब इसे लेकर मुस्लिम पक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मस्जिद संरक्षक अंजुमन इंतिजामिया मसाजिद (एआईएम) ने इसपर बयान दिया है। हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों में इसे लेकर तकरार शुरू हो गई है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक मस्जिद के संरक्षक अंजुमन इंतिजामिया मसाजिद (एआईएम) ) ने इसपर कहा कि ज्ञानवापी परिसर के भीतर मलबे के ढेर में एएसआई द्वारा पाए गए मूर्तियों के टुकड़े मूर्तिकारों द्वारा वहां फेंके गए होंगे, जो इसे ध्वस्त करने से पहले एक इमारत में किराए की दुकानों से अपना व्यापार करते थे।
ये भी पढ़ें-India-France: भारत और फ्रांस के बीच रक्षा औद्योगिक साझेदारी के लिए रोडमैप, कई अहम मुद्दों पर बनी सहमति
वकील ने क्या कहा
वहीं हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने इस तर्क को आधारहीन बताया है। उनका कहना है कि ज्ञानवापी पर एएसआई की वैज्ञानिक सर्वेक्षण रिपोर्ट परिसर के अंदर मलबे से बरामद प्रत्येक मूर्ति और कलाकृतियों की आयु, युग, व्यास और सभी प्रासंगिक डिटेल के बारे में भी बताती है। वहीं एआईएम ने कहा है कि वह इस रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए कानूनी विशेषज्ञों को शामिल करेगा। उसके वकील ने इसकी स्टडी करने के बाद ही टिप्पणी करने की बात कही है।
क्या है पूरा विवाद
बता दें कि ज्ञानवापी को लेकर लंबे समय से विवाद है। यह मामला कोर्ट में चल रहा है। हिंदू पक्ष का कहना है कि इस मस्जिद को एक मंदिर तोड़कर बनाया गया था। वाराणसी की अदालत ने पिछले साल सर्वे का आदेश दिया था जिसकी रिपोर्ट अब सामने आई है। 2022 में 5 हिंदू महिलाओं ने कोर्ट जाकर वहां पूजा के लिए अनुमति मांगी थी।
ये भी पढ़ें-इंटरनेशनल कोर्ट ने गाजा नरसंहार पर सुनाया फैसला, इजराइल को दिए आदेश में क्या कहा?
(Tramadol)