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‘दंगे वहीं होते हैं जहां सरकार चाहती है’, मुर्शिदाबाद हिंसा पर अधीर रंजन चौधरी का बड़ा दावा

मुर्शिदाबाद के बरहामपुर से कांग्रेस के पूर्व सांसद अधीर रंजन चौधरी ने जिले में वक्फ कानून के खिलाफ हो रही हिंसा को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। इस दौरान उन्होंने भाजपा और टीएमसी पर भी बड़ा हमला बोला।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Apr 13, 2025 21:51
Former Congress MP from Murshidabad's Berhampore Adhir Ranjan Chowdhury
कांग्रेस के पूर्व सांसद अधीर रंजन चौधरी।

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून के खिलाफ हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद हालात काफी तनावपूर्ण बने हुए हैं। बीजेपी ने इस हिंसा को लेकर ममता बनर्जी सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि वहां मुर्शिदाबाद के हालात भयावह बने हुए हैं और कई हिंदू परिवारों को वहां घर छोड़कर भागना पड़ा है। इस हिंसा में पिता-पुत्र समेत 3 लोगों की हत्या कर दी गई है। मृतक पिता-पुत्र हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाते थे। वहीं, हिंसा पर काबू पाने के लिए बीएसएफ की 9 कंपनियां और करीब 1000 पुलिसवाले तैनात किए गए हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ किया कि राज्य में नया वक्फ कानून लागू नहीं किया जाएगा। इस मामले में मुर्शिदाबाद के बरहामपुर से कांग्रेस के पूर्व सांसद अधीर रंजन चौधरी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।

 ‘दंगे वहीं होते हैं जहां सरकार चाहती है’

कांग्रेस के पूर्व सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘हम सभी जानते हैं कि भाजपा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करेगी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री नाटक कर रही हैं, वह धर्मनिरपेक्ष होने का दिखावा करती हैं। पश्चिम बंगाल सरकार भाजपा को आम मुसलमानों को जिहादी कहने का मौका दे रही है और इससे किसको फायदा होता है? टीएमसी और भाजपा को इससे फायदा होता है। मेरा मानना ​​है कि दंगे वहीं होते हैं जहां सरकार चाहती है। एक बार गोधरा में ऐसा हुआ क्योंकि सरकार चाहती थी। अब यह बंगाल में भी हो रहा है क्योंकि सरकार चाहती है।’

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‘मुर्शिदाबाद में सभी जनप्रतिनिधि और पुलिस टीएमसी के अधीन’

पूर्व सांसद अधीर रंजन चौधरी से जब पूछा गया कि क्या वो हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जाएंगे तो उन्होंने कहा, ‘मैं कल वहां जा रहा हूं और हम अपनी तरफ से वहां शांति सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं। वहां से हमारे पार्टी के सांसद ईशा खान हैं। मैंने उनसे बात की और लगातार अपने कार्यकर्ताओं से बात कर रहा हूं, लेकिन प्रशासन हमें वहां जाने की अनुमति नहीं दे रहा है। उसके बाद भी हमारे सांसद ईशा खान वहां गए। सत्ताधारी पार्टी के सांसद वहां से भाग गए। मुर्शिदाबाद में सभी सांसद, विधायक, ग्राम पंचायत, नगर पालिका, जिला पंचायत और पुलिस टीएमसी के अधीन हैं। उन्हें दंगों की जानकारी कैसे नहीं मिली? सरकार को सारी जानकारी थी, लेकिन उन्होंने जानबूझकर आंखें मूंद लीं।’

बीएसएफ की 9 कंपनियां सुती और शमशेरगंज में तैनात

वहीं, मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद सुरक्षा व्यवस्था पर बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआईजी पीआरओ नीलोत्पल कुमार पांडे ने कहा कि ‘जब मुर्शिदाबाद के दो थाने के इलाके सुती और शमशेरगंज में स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी तो हमने प्रशासन के अनुरोध पर अपने जवानों को तैनात किया था। अगले दिन हमने और जवानों को वहां भेजा। आज, हमारी 9 कंपनियां मुर्शिदाबाद के दो पुलिस स्टेशन के इलाकों में तैनात हैं। हम सभी हॉटस्पॉट में मौजूद हैं। प्रशासन की तरफ से ही आदेश आया था। उस समय केवल दो कंपनियों को तैनात किया गया था क्योंकि हमें तुरंत जवाब देना था। लोग डरे हुए हैं, यह सच है।’

बीएसएफ जवानों पर पेट्रोल बम और पत्थरों से हमला किया गया

नीलोत्पल कुमार पांडे ने आगे बताया कि ‘कल स्थिति और गंभीर हो गई थी। शमशेरगंज इलाके में कुछ ऐसे क्षेत्र थे जहां हमारे जवानों पर पेट्रोल बम और पत्थरों से हमला किया गया। ये (हमलावर) वही लोग थे जो पूरे हालात को तनावपूर्ण बना रहे थे। आज स्थिति में सुधार हुआ है। हमले में हमारे बीएसएफ के किसी भी जवान को गंभीर चोट नहीं आई। हालांकि, जब पत्थरों की इतनी भारी बारिश होती है तो छोटे-मोटे कट और चोटें लगना लाजिमी है।’

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Edited By

Satyadev Kumar

First published on: Apr 13, 2025 09:43 PM

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