Morbi Bridge Tragedy: मोरबी पुल हादसे में बुधवार को आठ आरोपियों की जमानत याचिका रद्द कर दी गई है। कल एक आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई होगी। मोरबी सेशन कोर्ट ने यह जमानत याचिका रद्द की। अदालत जमानत देने के लिए दिए तर्कों पर संतुष्ट नहीं हुई।
इससे पहले मंगलवार को मामले में गिरफ्तार सभी 9 आरोपियों की जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी हुई थी। वहीं, मंगलवार को अदालत में सुनवाई के दौरान FSL टीम की प्रारंभिक रिपोर्ट पेश की गई जिसमें बड़ी लापरवाही सामने आई है। मोरबी के सरकारी वकील विजयभाई जानीने ने बताया कि आरोपी की जमानत अर्जी की सुनवाई के दौरान FSL की प्रारंभिक रिपोर्ट पेश की गयी है जिसमें मैंटेनैंस एवं सुरक्षा का जिम्मा ओरेवा समूह को दिया गया था।
30 अक्टूबर को हादसे के दिन 3165 टिकट जारी किए गए थे। टिकट देने वाले ने यह नहीं सोचा था कि अगर इतने लोग पुल पर गए तो क्या होगा। पुल पर दो टिकट काउंटर थे और दोनों लोगों को पता नहीं था कि कितने एक दूसरे के काउंटर से टिकट जारी किए गए।
रिपोर्ट में आगे उल्लेख किया गया है कि हैंगिंग ब्रिज के महत्वपूर्ण हिस्सों के बोल्ट ढीले होने से जीर्ण कर दिया था। वहीं, मोरबी के प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश पीसी जोशी के समक्ष तीन आरोपियों, सुरक्षा गार्ड अल्पेश गोहिल, दिलीप गोहिल और मुकेश चौहान के खिलाफ सबूत पेश किए गए। बताया गया कि तीनों को कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया था। बता दें कि मोरबी हैंगिंग ब्रिज 30 अक्टूबर को टूटकर मच्छू नदी में गिर गया था जिसमें 135 लोगों की जान चली गई थी।