राजस्थान मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार से एक बार फिर तेज गर्मी पड़ेगी और लोगों का बुरा हाल होगा। वर्तमान में सर्वाधिक अधिकतम तापमान बीकानेर में 43.0 डिग्री दर्ज किया गया है। आगामी दिनों में जोधपुर, बीकानेर संभाग के सीमावर्ती क्षेत्रों में तेज सतही धूल भरी हवाएं (30-40 Kmph) चलने व तापमान में 2-3 डिग्री बढ़ोतरी होने की संभावना है। बीकानेर, गंगानगर जिलों में 15-17 मई को अधिकतम तापमान 44-45 डिग्री व कहीं-कहीं हीटवेव का नया दौर शुरू होने की संभावना है। पूर्वी राजस्थान में 15 मई से ज्यादातर भागों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहने व तापमान में 2-3 डिग्री बढ़ोतरी होने की संभावना है।
Aaj Ka Mausam: देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून की एंट्री हो चुकी है। मंगलवार को मानसून बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी भाग, अंडमान सागर के दक्षिणी भाग, निकोबार द्वीप समूह, अंडमान सागर के उत्तरी भाग में पहुंचा। अब मानसून 27 मई तक केरल पहुंच सकता है। जुलाई के पहले हफ्ते में मानसून पूरे देश को कवर सकता है। मानसून की एंट्री के चलते पिछले 24 घंटे में निकोबार द्वीपसमूह में कुछ जगहों पर भारी बारिश हुई।
पिछले 2 दिन से निकोबार द्वीपसमूह में हल्की से भारी बारिश का दौरा जारी है। अगले 3-4 दिन में दक्षिण अरब सागर, मालदीव, कोमोरिन क्षेत्र के कुछ हिस्सों, दक्षिण बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों, पूरे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अंडमान सागर के बाकी हिस्सों और मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं।
अगले 6 दिन ऐसा रहेगा मौसम
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून आज बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी भाग, अंडमान सागर के दक्षिणी भाग, निकोबार द्वीप समूह और अंडमान सागर के उत्तरी भाग के कुछ हिस्सों में आगे पहुंच गया है। अगले 5 दिन के दौरान मानसून के असर से दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत और मध्य भारत में गरज चमक के साथ बारिश होने की संभावना है।
अगले 3 दिन के दौरान आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। अगले 5 दिन के दौरान पूर्वोत्तर भारत में गरज और बिजली के साथ भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। 14 से 19 मई के बीच उत्तर प्रदेश में, 15-17 मई के बीच पश्चिमी राजस्थान में, 14-15 मई 2025 को पश्चिम बंगाल और झारखंड के गंगा के मैदानी इलाकों में लू चलने की संभावना है।
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मौसम विभाग ने आने वाले कुछ दिनों में कई जगहों पर बारिश और गर्मी बढ़ने की चेतावनी दी है। दक्षिण भारत और मध्य भारत में अगले 5 दिन तक गरज और बिजली के साथ बारिश हो सकती है। खासकर आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में भारी बारिश हो सकती है। उत्तर-पूर्व भारत और पश्चिम बंगाल में भी तेज बारिश की संभावना है। उत्तर प्रदेश और पश्चिम राजस्थान में 15 से 18 मई के बीच बहुत गर्मी हो सकती है। कुछ जगहों पर तेज हवाएं और ओले भी गिर सकते हैं।
आज राजस्थान के बीकानेर, जयपुर, भरतपुर, उदयपुर और कोटा संभाग के कुछ हिस्सों में तेज आंधी (40-50 किमी प्रति घंटा) और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। बीकानेर में सबसे अधिक तापमान 43.0 डिग्री दर्ज हुआ। आने वाले दिनों में जोधपुर और बीकानेर के आसपास तेज धूल भरी हवाएं चलेंगी और तापमान 2-3 डिग्री बढ़ सकता है। 15-17 मई के दौरान बीकानेर और गंगानगर में 44-45 डिग्री तापमान के साथ हीटवेव का असर हो सकता है। पूर्वी राजस्थान में मौसम शुष्क रहेगा, लेकिन भरतपुर और कोटा में कुछ जगहों पर गरज-चमक हो सकती है।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 4 दिन के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है। अगले 3 दिन में पूर्वी भारत में अधिकतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। उसके बाद 3 दिन तक 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आएगी। अगले 7 दिन गुजरात राज्य में अधिकतम तापमान में 3-5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी। देश के बाकी हिस्सों में अधिकतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन होने की संभावना नहीं है।
मौसम विभाग के अनुसार, 15 मई को पश्चिम बंगाल, झारखंड के गंगा के तटीय इलाकों में, 15 से 19 मई तक पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में, 15 से 17 मई के बीच पश्चिमी राजस्थान में गर्म हवाएं चलने की संभावना है। 15 मई को बिहार, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में, 15-16 मई को ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल के गंगा के तटीय इलाकों में गर्म और आर्द्र मौसम रहने की संभावना है।
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पश्चिम भारत में भी मौसम खराब रहेगा। जम्मू-कश्मीर-लद्दाख में गरज, चमक के साथ 30-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है। पूर्वी राजस्थान और उत्तराखंड में 16-19 मई के दौरान अलग-अलग स्थानों पर धूल भरी आंधी चलने की संभावना है।
मौसम विभाग के अनुसार, 17 मई तक मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, बिहार में 30-50 किमी प्रति घंटे की गति से आंधी चल सकती है। 15-17 मई के दौरान झारखंड और कल 15 मई को ओडिशा में 50-60 किमी प्रति घंटे की गति से आंधी और 70 किमी प्रति घंटे की गति से हवा चलने की संभावना है। 15 और 16 मई को पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों, बिहार और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में भारी बारिश होने की संभावना है। 17 मई तक उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भारी बारिश होने की संभावना है।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 5 दिन तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, रायलसीमा, तेलंगाना, आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु पुडुचेरी और कराईकल में 30-50 किमी प्रति घंटे की गति से आंधी चल सकती है। गरज चमक के साथ बादल बरस सकते हैं। तटीय कर्नाटक में बिजली गिरने की संभावना है। तेलंगाना में 50-60 किमी प्रति घंटे की गति से 70 किमी प्रति घंटे की गति से आंधी और तूफान आने की संभावना है। तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा, आंतरिक कर्नाटक में कल, केरल और माहे में 18 और 19 मई को। अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि होने की भी संभावना है।
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी भारत में अगले 5 दिन मौसम खराब ही रहेगा। कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा में गरज, चमक और तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। गुजरात राज्य में 30-50 किमी प्रति घंटे की गति से हवा चलने की संभावना है। मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा में 50-60 किमी प्रति घंटे की गति से हवा चलने की संभावना है, जो 70 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। मध्य महाराष्ट्र में भारी बारिश भी हो सकती है।
पूर्वोत्तर भारत के 8 राज्यों में अगले 5 दिन के दौरान गरज, चमक के साथ 30-50 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चलने की संभावना है। 14 से 17 मई के बीच अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। असम और मेघालय में भी अलग-अलग स्थानों पर बहुत अधिकत भारी बारिश होने की संभावना है।
IMD की रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिमी हवाओं के साथ एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर दिशा में एक्टिव है। सौराष्ट्र से उत्तर पूर्व अरब सागर के पार पूर्व मध्य अरब सागर तक हवाओं का एक गर्त बना हुआ है। ऊपरी हवा का साइक्लोनिक सर्कुलेशन उत्तराखंड और दूसरा पूर्वी उत्तर प्रदेश और उससे सटे बिहार के ऊपर एक्टिव है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश और उससे सटे बिहार के ऊपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव है, जो दक्षिण ओडिशा तक फैला हुआ है। पूर्वोत्तर असम और आसपास के इलाकों में ऊपरी हवा का साइक्लोनिक सर्कुलेशन समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक बना हुआ है। अंडमान सागर पर एक ऊपरी हवा का साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव है, जो ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है।
मौसम विभाग ने कहा कि अगले 3 से 4 दिन में दक्षिण अरब सागर के अधिकांश हिस्सों, मालदीव और कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिण बंगाल की खाड़ी के अधिकांश क्षेत्रों, पूरे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और मध्य बंगाल की खाड़ी में आगे बढ़ेगा और इसके लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। IMD ने अप्रैल 2025 में मानसून सीजन में सामान्य से अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया था, जो सही साबित हो सकता है, क्योंकि शुरुआत में ही मानसून अंडमान निकोबार में 2 दिन से जमकर बरस रहा है। मौसम विभाग ने एल नीनो परिस्थितियों की संभावना को भी खारिज कर दिया था, जो भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम बारिश से जुड़ी होती हैं।
मानसून भारत के कृषि क्षेत्र के लिए बेहद जरूरी है। भारत की करीब 42 प्रतिशत आबादी आज भी खेती बाड़ी पर ही निर्भर करती है। देश की GDP में कृषि क्षेत्र का योगदान करीब 18 प्रतिशत है। मानसून से देशभर के जलाशय भर जाएंगे, जिससे सालभर बिजली उत्पादन और सिंचाई संभव होगी।
दक्षिण पश्चिम मानसून भारत में एंट्री कर कर चुका है। बंगाल की खाड़ी और अंडमान निकोबार के बाद मानसून दक्षिण भारत में दस्तक देगा। दक्षिण-पश्चिम मानसून वैसे एक जून तक केरल पहुंचता है। उसके बाद बाकी देश में एंट्री करता है। जुलाई के पहले हफ्ते तक मानसून पूरे देश को कवर कर लेता है। 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से वापस जाने लगता है। 15 अक्टूबर तक मानसून पूरी तरह वापस चला जाता है।
मानसून के असर से अगले 5 दिन के दौरान पूर्वोत्तर भारत में गरज और बिजली के साथ भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।14-19 मई के दौरान उत्तर प्रदेश में, 15-17 मई के दौरान पश्चिमी राजस्थान में और 14-15 मई 2025 के दौरान पश्चिम बंगाल और झारखंड के गंगा के मैदानी इलाकों में लू चलने की संभावना है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून के असर से अगले 5 दिन के दौरान दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत और उससे सटे मध्य भारत में गरज और बिजली के साथ बारिश जारी रहने की संभावना है, जबकि अगले 3 दिन के दौरान आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
मानसून के असर से पिछले 2 दिन से अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में भारी वर्षा हुई। बंगाल की खाड़ी के दक्षिण, निकोबार द्वीप समूह, अंडमान सागर के ऊपर पछुआ हवाएं चल रही हैं। मध्य महाराष्ट्र, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, सौराष्ट्र, कच्छ में अलग-अलग जगहों पर 70-100 किमी प्रति घंटे की गति से तूफानी हवाएं चलीं।
उत्तराखंड, हरियाणा, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी मध्य प्रदेश, गंगा के मैदानी पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पूर्वोत्तर भारत, मराठवाड़ा, तमिलनाडु पुडुचेरी और कराईकल, रायलसीमा, तेलंगाना, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में भी अलग-अलग जगहों पर 40-70 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं चलीं।
दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी बारिश हुई। तमिलनाडु, रायलसीमा, उत्तर आंतरिक कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, बिहार, ओडिशा, मध्य महाराष्ट्र में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश हुई। पूर्वी राजस्थान (सीकर) में अलग-अलग स्थानों पर धूल भरी आंधी चली।