Mohan Bhagwat Speech Highlights: गुवाहाटी में आरएसएस स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने पंच परिवर्तन का जिक्र किया। उनके जरिए दिए गए इस मैसेज का बड़ा मकसद था, जो समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए काफी अहम है। मोहन भागवत ने कार्यकर्ताओं से बात करते हुए कहा कि सोसाइटी की प्रोग्रेस के लिए ये पांच परिवर्तन बहुत जरूरी है।
क्या है आरएसएस का पंच परिवर्तन?
अपने भाषण के दौरान मोहन भागवत ने सामाजिक सद्भाव, पारिवारिक मूल्यों, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी प्रथाओं और नागरिक कर्तव्यों को परिवर्तन के मूलभूत स्तंभों के रूप में रेखांकित किया। उनकी इस स्पीच का सीधा मतलब समाज में एक पॉजिटिव बदलाव लाना था।
सामाजिक सद्भाव पर क्या बोले भागवत?
मोहन भागवत ने समाज के निर्माण के लिए सामाजिक सद्भाव को काफी अहम बताया। उन्होंने इस दौरान कहा कि अलग-अलग समुदायों, धर्मों, क्षेत्रों और भाषाओं के बीच दोस्ती और एकता को भी महत्व दिया।
पारिवारिक मूल्य समाज के लिए अहम
आरएसएस चीफ ने कहा कि अपने घर में पारिवारिक मूल्यों को बढ़ावा देने से समाज को सही डायरेक्शन मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने पर्यावरण सरंक्षण का जिक्र करते हुए कहा कि यह समाज की सामूहिक जिम्मेदारी होनी चाहिए कि हम प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करें और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं।
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स्वदेशी चीजों का इस्तेमाल
मोहन भागवत ने अपनी स्पीच के दौरान स्वदेशी अपनाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा हर एक भारतीय परिवार को अपनी भाषा, पहनावे, खाने, घर और सफर में स्वदेशी प्रथाओं को अपनाना चाहिए। इसके साथ ही विदेशी भाषा को कम इस्तेमाल करना चाहिए और अपनी मूल भाषा को ज्यादा बोलना चाहिए।
नागरिक कर्तव्यों पर अहम संदेश
भागवत ने कहा कि जहां तक हमारे नागरिक कर्तव्यों का सवाल है, हमें राज्य के सभी नियमों का पालन करना चाहिए। साथ ही, हर एक नागरिक को समाज की भलाई के लिए पारंपरिक सामाजिक नैतिक मानदंडों का भी पालन करना होगा, जिनका उल्लेख किसी भी सिटिजन रूल्स बुक में नहीं है।