भारतीय जनता पार्टी विधायक राजा सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। टी राजा सिंह अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहते हैं। वह हिंदुत्ववादी छवि के तौर पर पहचाने जाते हैं। अपने बयानों को लेकर वह कई बार विवादों में भी रह चुके हैं।
अपने पत्र को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए राजा सिंह ने लिखा कि बहुत से लोगों की चुप्पी को सहमति नहीं समझा जाना चाहिए। मैं सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि उन अनगिनत कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के लिए बोल रहा हूं जो हमारे साथ आस्था के साथ खड़े थे और जो आज निराश महसूस कर रहे हैं। जय श्री राम
बीजेपी के नए अध्यक्ष से नाराजगी!
अपने पत्र में राजा सिंह ने लिखा कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रामचंदर राव को तेलंगाना के लिए भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया जाना तय है। यह निर्णय न केवल मेरे लिए बल्कि लाखों कार्यकर्ताओं, नेताओं और मतदाताओं के लिए एक सदमा और निराशा की तरह है, जो हर उतार-चढ़ाव में पार्टी के साथ खड़े रहे हैं। ऐसे समय में जब भाजपा तेलंगाना में अपनी पहली सरकार बनाने की दहलीज पर खड़ी है, इस तरह का चयन हमारी दिशा के बारे में गंभीर संदेह पैदा करता है
The silence of many should not be mistaken for agreement.
---विज्ञापन---I speak not just for myself, but for countless karyakartas and voters who stood with us with faith, and who today feel let down.
Jai Shri Ram 🚩 pic.twitter.com/JZVZppknl2
— Raja Singh (@TigerRajaSingh) June 30, 2025
‘चुप रहना या यह दिखावा करना मुश्किल’
उन्होंने आगे लिखा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ व्यक्तियों ने व्यक्तिगत हितों से प्रेरित होकर केंद्रीय नेतृत्व को गुमराह किया है और पर्दे के पीछे से निर्णय लिए हैं। यह न केवल जमीनी कार्यकर्ताओं के बलिदान को कमतर आंकता है बल्कि पार्टी को असफलताओं में धकेलने का जोखिम भी उठाता है। मैं एक समर्पित कार्यकर्ता रहा हूँ, जो लोगों के आशीर्वाद और पार्टी के समर्थन से लगातार तीन बार चुना गया हूं लेकिन आज, मेरे लिए चुप रहना या यह दिखावा करना मुश्किल है कि सब ठीक है।
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उन्होंने आगे लिखा कि भले ही मैं पार्टी से अलग हो रहा हूं लेकिन मैं हिंदुत्व की विचारधारा और हमारे धर्म और गोशामहल के लोगों की सेवा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हूं। यह एक कठिन निर्णय है लेकिन जरूरी है। कई लोगों की चुप्पी को सहमति के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। अपने पत्र में राजा सिंह ने प्रधान मंत्री, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, अमित शाह और बीएल संतोष से इसे फैसले पर फिर विचार करने की अपील की है।