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पहलगाम हमले में पाकिस्तानी साजिश के सबूत! 3 महीने पहले इस कंपनी ने मांगी थीं सैटेलाइट तस्वीरें

Pahalgam Satellite Images: पहलगाम हमले से जुड़ा बड़ा खुलासा हुआ है। पहलगाम आतंकियों के निशाने पर साल 2023 से ही था। सूत्र बताते हैं कि इस आतंकी साजिश को अंजाम देने के लिए एक अमेरिकी फर्म को मोहरे की तरह इस्तेमाल किया गया।

Author Edited By : Vijay Updated: May 15, 2025 17:08
Pahalgam Terror Attack | Operation Sindoor | Air Strike
Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले में मैक्सर टेक्नोलॉजी कंपनी का नाम आ रहा है।

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चला कर पाकिस्तान को फिर से बेनकाब कर दिया है, लेकिन बेशर्म पाकिस्तान भारतीय सेना से बुरी तरह पिटने के बाद भी वो भारत से सबूत मांग रहा है। जो सबूत सामने आए हैं वो चौंकाने वाले हैं। पहलगाम में हुए हमले के तार अब अमेरिका से होते हुए पाकिस्तान की एक कंपनी तक जुड़ रहे हैं। शक की सुई एक पाकिस्तानी कंपनी बिजनेस सिस्टम्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड पर घूम रही है। जांच एजेंसियों को शक है कि इस पाकिस्तानी कंपनी ने अमेरिकी सैटेलाइट इमेजरी कंपनी मैक्सर टेक्नोलॉजीज की पहलगाम की हाई रेजोलूशन तस्वीरों का इस्तेमाल इस मकसद के लिए किया है।

 

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Pahelgam attack

क्या पहलगाम हमले में इस फर्म का हाथ?

दरअसल, मैक्सर टेक्नोलॉजीज एक हाई रिजोल्यूशन इमेजरी कंपनी है। जो 30 सेंटीमीटर से लेकर 15 सेंटीमीटर तक की पिक्सेल रेजोल्यूशन वाली हाई-डेफिनिशन तस्वीरें उपलब्ध कराती है। पिक्सेल जितना छोटा होता है, तस्वीर उतनी ही साफ होती है। भारत में रक्षा मंत्रालय और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो सहित कई सरकारी एजेंसियां मैक्सर की सेवाओं की ग्राहक हैं। कम से कम 11 भारतीय स्पेस टेक स्टार्टअप्स और कंपनियां भी मैक्सर टेक्नोलॉजीज की ग्राहक और साझेदार हैं।

जिस तरह की हाई रिजोल्यूशन तस्वीरें मैक्सर टेक्नोलॉजी बेचती है, वो इतनी सटीक और क्लियर होती हैं कि सड़कों पर चल रहे इंसान के चेहरे तक प्रोफाइल किए जा सकते हैं। यानी आप उनके चेहरे को साफ-साफ पहचान सकते हैं। तो क्या इस कंपनी के इमेज का इस्तेमाल पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबों के लिए किया? क्या आतंकियों ने इस कंपनी की हाई रिजोल्यूशन इमेज का इस्तेमाल कर पहलगाम में कत्लेआम मचाया?

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Maxer Techonogy

ऐसे सामने आया इस कंपनी का नाम

इस कंपनी का नाम तब सामने आया जब इसके वेबसाइट डेटा को खंगाला गया। डेटा से पता चला कि पहलगाम हमले से एक साल पहले से इस कंपनी को पहलगाम के हाई रिजोल्यूशन इमेज की डिमांड आने लगी थी। और इसी खुलासे ने सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिये हैं। वैसे तो मैक्सर कंपनी को पिछले साल से ही पहलगाम की हाई रिजोल्यूशन तस्वीरों के लिए ऑर्डर आने शुरू हो गए थे। लेकिन इस साल अप्रैल में हुए आतंकी हमले से दो महीने पहले कोई ऑर्डर नहीं आया। 12 अप्रैल को सिर्फ एक 24 और 29 अप्रैल को तस्वीरों के लिए दो रिक्वेस्ट मिले। पहलगाम हमले के बाद से कोई नया ऑर्डर नहीं मिला।

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फरवरी में मिले सबसे ज्यादा ऑर्डर

फरवरी महीने में पहलगाम की सैटेलाइट इमेज का ऑर्डर सबसे अधिक किया गया। 2 से 22 फरवरी 2025 के बीच मैक्सर टेक्नोलॉजीज़ को कम से कम 12 ऑर्डर मिले। फरवरी महीने में पहलगाम की सैटेलाइट तस्वीरें.. 12, 15, 18, 21 और 22 तारीख को खरीदी गईं। मार्च के महीने में में कोई ऑर्डर नहीं आया। इसके बाद 12 अप्रैल को, यानी हमले से ठीक दस दिन पहले एक ऑर्डर किया गया। इसके बाद पहलगाम हमले के बाद, 24 और 29 अप्रैल को इलाके की तस्वीरों के लिए दो रिक्वेस्ट मिले। लेकिन हैरानी की बात है कि उसके बाद से कोई नया ऑर्डर नहीं दिया गया। इस डिमांड के पीछे का कारण क्या हो सकता है? क्यों पहलगाम जैसे खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट की हाई रिजोल्यूशन तस्वीरों की कोई डिमांड करेगा? क्या कोई गहरी साजिश है?

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पहलगाम की तस्वीरों की डिमांड क्यों?

पहलगाम की हाई रिजोल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरों की डिमांड के पीछे किसका हाथ है? और इसके पीछे क्या मकसद हो सकता है? दरअसल, इसके पीछे पाकिस्तान की एक जियो-स्पेशल कंपनी का नाम आ रहा है। जिसका दामन अमेरिका में दागदार रहा है और उसे अमेरिकी अदालत से सजा भी हो चुकी है। इस कंपनी का नाम है बिज़नेस सिस्टम्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड यानी BSI ये मूल रूप से पाकिस्तान की कंपनी है। बिज़नेस सिस्टम्स इंटरनेशनल.. मैक्सर टेक्नोलॉजी की साझेदार कंपनी है। चौंकाने वाली बात ये है कि मैक्सर को पहलगाम के हाई रिजोल्यूशन इमेज के ऑर्डर जून 2024 में मिने शुरु हुए। लेकिन मैक्सर ने पाकिस्तान की कंपनी बिज़नेस सिस्टम्स इंटरनेशनल को इससे ठीक कुछ महीने पहले ही अपना साझेदार बनाया था।

Pakistani Company BSI

कराची में मुख्यालय, यही से हमले की साजिश का दावा

पाकिस्तानी कंपनी BSI की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, इसका मुख्यालय कराची में है। इसकी शाखाएं लाहौर, इस्लामाबाद और फैसलाबाद में फैली हैं। यह कंपनी 1980 से काम कर रही है और हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग, डेटा माइनिंग, जियोग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम, कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम्स जैसी सेवाएं देती है। तो क्या सच में पाकिस्तान ने पहलगाम हमले की प्लानिंग एक साल पहले ही शुरू कर दी थी? कम से कम उपलब्ध साक्ष्यों और इस नये खुलासे से तो यही लगता है। हालाकि उपलब्ध डेटा से यह साफ नहीं है कि पहलगाम की सैटेलाइट तस्वीरों के ऑर्डर पाकिस्तान की फर्म BSI ने दिए थे या नहीं, लेकिन रक्षा विश्लेषकों, विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों का दावा है कि पहलगाम हमले से इस पाकिस्तानी कंपनी के तार निश्चित तौर पर जुड़े हो सकते हैं।

कौन है कंपनी का फाउंडर ओबैदुल्ला सैयद?

भले ही पहलगाम आतंकी हमले से पाकिस्तान की इस बदनाम कंपनी के तार सीधे-सीधे न जुड़ते हों। लेकिन इस कंपनी के फाउंडर ओबैदुल्ला सैयद के रिकॉर्ड को देखते हुए ये अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि हां ऐसा हो सकता है। ओबैदुल्ला सैयद पाकिस्तानी मूल का अमेरिकी नागरिक है। अमेरिका की संघीय अदालत उसे एक साल की सजा सुना चुकी है।
उस पर अवैध रूप से अमेरिकी हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटर इक्विपमेंट और सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन पाकिस्तान निर्यात करने का आरोप था। उसने ये निर्यात पाकिस्तान एटॉमिक एनर्जी कमीशन यानी PAEC को किया था। PAEC उच्च विस्फोटक और परमाणु हथियारों के पुर्जे डिज़ाइन और परीक्षण करती है। साथ ही ठोस ईंधन वाली बैलिस्टिक मिसाइलें भी विकसित करती है। जांच में ओबैदुल्ला सैयद ने बताया था कि उसकी कंपनी पाकिस्तान की यूनिवर्सिटीज़ को निर्यात करती है। जबकि वास्तव में उसका उपयोग पाकिस्तान एटॉमिक एनर्जी कमीशन यानी PAEC के लिए उपयोग हो रहा था। यानी उसने साफ-साफ झूठ बोला था। और जब उसका ये झूठ पकड़ा गया तो अमेरिकी अदालत ने उसे एक साल एक दिन की सज़ा सुनाई।

अमेरिकी एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था

“एटॉमिक एनर्जी कमीशन एक पाकिस्तानी सरकारी एजेंसी है जिसे अमेरिकी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति या अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए असाधारण खतरे के रूप में चिन्हित किया है।”

First published on: May 15, 2025 01:18 PM

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