शहीद सुरेंद्र कुमार का पार्थिव शरीर पहुंचने से पहले घर में कोहराम मच गया। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए सीआरपीएफ जवान सुरेंद्र कुमार की मौत हो गई। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव पहुंचने से पहले ही मातम छा गया। शहीद के घर पर कोहराम मचा हुआ है, जहां उनकी पत्नी सीमा का रो-रोकर बुरा हाल है। पति की शहादत की खबर से वह बार-बार बेसुध हो जा रही हैं, जिन्हें गांव की महिलाएं ढांढस बंधा रही हैं।
लोगों का आना जाना शुरू हुआ शुरू
शहीद के घर पर लोगों का आना सुबह से ही शुरू हो गया है। आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग अपने लाडले शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करने और उनके अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। हर आंख नम है और हर चेहरे पर दुख और गम का भाव स्पष्ट रूप से देखा गया।
मां हुई बेसुध
शहीद सुरेंद्र कुमार की 75 वर्षीय मां नानी देवी भी अपने बेटे के जाने के गम में बेसुध पड़ी हैं। उनका रो-रोकर बुरा हाल है और उन्हें संभालना मुश्किल हो रहा है। वहीं, शहीद की दो मासूम बेटियां, 11 वर्षीय वर्तिका और 7 वर्षीय दक्ष का भी रो-रोकर बुरा हाल है। बेटी वर्तिका बार-बार अपने पापा को याद कर रही है, जिससे माहौल और भी गम भरा हो गया है।
2018 में हुई थी पिता की मौत
सुरेंद्र कुमार के पिता शिशुपाल सिंह मोगा का निधन 2018 में हो गया था। वह भी सीआरपीएफ से सेवानिवृत्त थे। अब परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पूरे गांव में शोक की लहर है और हर कोई शहीद की बहादुरी और देश के लिए दिए गए सर्वोच्च बलिदान को याद कर रहा है। पार्थिव देह के पहुंचने के बाद पूरे राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
2010 में हुए थे सेना में भर्ती
सुरेंद्र कुमार की पढ़ाई झुंझुनूं के राजस्थान पब्लिक स्कूल और जीआर पब्लिक स्कूल में हुई थी. बीएससी की पढ़ाई उन्होंने मोरारका कॉलेज से की थी। वे 1 जनवरी 2010 को भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। उनकी शहादत की खबर से पूरा गांव गमगीन है। जिला कलेक्टर ने कहा कि सुरेंद्र कुमार के परिवार के साथ केंद्र और राज्य सरकार पूरी तरह खड़ी है।