Mahatma Gandhi death anniversary: आज 30 जनवरी है। साल 1948 की 30 जनवरी को दिल्ली के बिड़ला हाउस में शाम करीब 5 बजकर 17 मिनट पर महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई थी। नाथू राम गोडसे ने उन्हें छाती में एक के बाद एक तीन गोलियां दागी थीं। इसके बाद बापू का देहांत हो गया। वहीं, गोडसे को मौके से ही लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले किया था। अदालत में गोडसे ने अपना जुर्म कबूला और दोषी पाए जाने पर कोर्ट के उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी। कोर्ट के आदेश के बाद 15 नवंबर साल 1949 को गोडसे को फांसी दी गई।
गोडसे का नाम था रामचंद्र
आज हम इन्हीं गोडसे के जीवन से जुड़े कुछ अनजाने किस्से आपको बताने वाले हैं। दरअसल, नाथूराम विनायकराव गोडसे का जन्म 19 मई साल 1910 में पुणे के बारामती में हुआ था। उनके पिता विनायक वामनराव गोडसे डाक विभाग में काम करते थे और मां लक्ष्मी गृहिणी थी। वह अपने परिवार के चौथे पुत्र थे और जन्म के समय उनका नाम रामचंद्र रखा गया था।
रामचंद्र से बदलकर नाथूराम रखा
उनसे पहले पैदा हुए चारों भाईयों की अकाल मौत हो गई। जिससे परिवार को लगता था कि उनके ऊपर कोई श्राप है। ऐसे में उनकी मां उनका नाम रामचंद्र से बदलकर नाथूराम रख दिया और उन्हें 12 साल की उम्र तक लड़कियों की तरह पाला। इतना ही नहीं इस दौरान उनकी नाक छिदवाई गई और उन्हें श्राप से बचाने के मकसद से फ्रॉक तक पहनाई जाती थी। लेकिन यह सब गोडसे को पसंद नहीं था।
गोडसे पहले कांग्रेस की सभाओं में देते थे भाषण
जानकारी के अनुसार एक समय में नाथूराम के पिता की पोस्टिंग महाराष्ट्र के रत्नागिरी में थी। यहां गोडसे कांग्रेस के नेताओं से मिलें। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की कई सभाओं में भाषण भी दिया। बताया जाता है कि रत्नागिरी में ही उनकी मुलाकात विनायक दामोदर सावकर से हुई। जिससे उनकी विचारधारा बदली और वह में RSS से जुड़ गए।