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Mahadev App Scam Case: ईडी ने पेश की चार्जशीट, कहा- राजनीतिक सलाहकार को दी गई 5 करोड़ की रिश्वत

Mahadev App Scam Case: महादेव एप मामले में ईडी ने बड़े खुलासे किए हैं। आरोपियों के कनेक्शन के अलावा पैसों के लेनदेन को भी विस्तार से बताया है।

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Oct 24, 2023 11:45
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Mahadev App Scam Case: 6000 करोड़ रुपये के मनी लॉन्डरिंग केस यानी महादेव ऐप मामले की जांच में हर दिन चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। ताजा अपडेट की बात करें तो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में इस मामले में आरोप पत्र (चार्जशीट) पेश की है। इस चार्चशीट में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार (पीए) समेत पुलिस, राजनेताओं और नौकरशाहों पर मोटी रिश्वतखोरी का आरोप लगाया गया है।

आरोप पत्र में दर्ज आरोपियों में से एक, सतीश चंद्राकर के बयान के अनुसार सनसनीखेज मामले में भगोड़े रवि उप्पल ने 2000 में राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा से मुलाकात की और महादेव एप के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को रोकने के लिए मदद मांगी। आरोप-पत्र में कहा गया है कि महादेव ऐप आईडी से हुई आय के अलावा, विनोद को 8-10 लेनदेन के लिए लगभग ₹5 करोड़ दिए गए हैं।

ये निकल कर आया कनेक्शन

एक पैनल संचालक और उप्पल के करीबी चंद्राकर ने अपने बयान में कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से दो महादेव एप धारकों के खातों पर छापा मारने के बाद उन्होंने बैठक की सुविधा दी गई। उन्होंने आगे कहा कि गिरफ्तार सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) चंद्रभूषण वर्मा, जिन पर महादेव ऐप का मुख्य संपर्ककर्ता होने का आरोप है, ने बैठक की व्यवस्था करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गौरतलब है कि पुलिसकर्मी विनोद का करीबी रिश्तेदार है।

जांच के दौरान उप्पल ने राजनीतिक सलाहकार से पूछा कि उनके खिलाफ शिकायत क्यों दर्ज की गई है। जिस पर विनोद ने जवाब दिया कि वह भारी कर्ज में डूबा हुआ है और उसे वित्तीय सहायता की जरूरत है। इसके बाद उप्पल ने उन्हें महादेव ऐप के लिए एक आईडी दी।

यहां से इकट्ठा करते थे पैसा

चंद्रभूषण का बयान चंद्राकर के आरोपों को आगे बढ़ाता है। पुलिसकर्मी ने कहा कि उनके सहयोगी राकेश वारके आमतौर पर उनके निर्देश पर विनोद को नकदी पहुंचाते थे। वारके रायपुर के सदर बाजार में ज्वैलर्स से पैसे इकट्ठा करता था। फिर इसे विवेकानन्द विद्यापीठ, कोटा, रायपुर में विनोद को पहुंचाता था।

आरोप-पत्र के अनुसार, छत्तीसगढ़ सीएमओ में विशेष कर्तव्य पर तैनात अधिकारी मनीष बंछोर और आशीष वर्मा ने भी कथित तौर पर महादेव ऐप प्रमोटरों से रिश्वत ली थी। मौजूदा मुख्यमंत्री के करीबी सहयोगी लक्ष्मीनारायण बंसल और विनोद भाटिया को भी चंद्रभूषण से रिश्वत मिलने की खबर है। ईडी ने उनके ठिकानों पर छापेमारी भी की है।

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First published on: Oct 24, 2023 11:45 AM

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