Madras HC on Comment Targeted killing of Hindu Neta, चेन्नई: मद्रास हाई कोर्ट में बुधवार को हिंदू नेता की टारगेट किलिंग के एक मामले की सुनवाई के दौरान बहस हुई, जिसका मुद्दा ये था कि क्या हिंदू धार्मिक नेताओं की टारगेट किलिंग को यूएपीए के आर्टिकल 15 के तहत आतंकवादी घटना जा माना जा सकता है? कोर्ट ने सुनवाई के बाद यूएपीए के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को बशर्त जमानत देकर कहा कि ये एक बहस का मुद्दा है।
Court says that Targeted killing of Hindu leaders is not a terrorist because it will not disturb the peace of the country.
---विज्ञापन---But remember a comment on Prophet is a terrorist attack because it creates unrest in the country. pic.twitter.com/gsl6gqwM1v
— Manish Pangotra🇮🇳 (Modi Ka Parivar) (@ManishPangotra5) December 14, 2023
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सुनवाई के दौरान बेंच ने क्या कहा
इस मामले की सुनवाई जस्टिस एस एस सुंदर और सुंदर मोहन की बेंच ने की। सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि सबूतों से पता चलता है कि कुछ धार्मिक नेताओं पर हमला करने की साजिश रची गई थी। आधिकारियों ने ये नहीं बताया कि आखिर किस लिहाज से इस घटना को आतंकवादी घटना माना जाएगा, जिसे यूएपीए की धारा 15 के तहत परिभाषित किया गया है।
कोर्ट ने ये सारी टिप्पणियां यूएपीए के तहत NIA द्वारा आसिफ मुस्तहीन की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान की थी।
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हिंदू धार्मिक नेताओं को मारने की साजिश
प्रोसिक्यूशन के अनुसार, आरोपी कथित रूप से IS में शामिल होता चाहता था, इसी सिलसिले में उसकी नजदियां दूसरे आरोपी के बढ़ने लगी, जो पहले से आतंकवादी संगठन का सदस्य था। इसके अलावा इन दोनों आरोपियों ने भाजपा और आरएसएस से जुड़े हिंदू धार्मिक नेताओं को मारने की योजना बनाई थी।
हालांकि, प्रोसिक्यूशन की इस दलील से बेंच ने असहमति जताई और कहा कि सबूतों में कही भी ये संकेत नहीं मिल रहा है कि आरोपी IS में शामिल हो गया या फिर दूसरा आरोपी आतंकवादी संगठन का सदस्य था।
17 महीने से जेल में बंद था आरोपी
बता दें कि आसिफ मुस्तहीन को NIA ने 26 जुलाई 2022 को यूएपीए के तहत अपराध करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले आरोपी जमानत याचिका को ट्रायल कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। आसिफ मुस्तहीन पिछले 17 महीने से जेल में बंद था। पीठ ने आरोपी को इरोड में रहने और अगले आदेश तक हर दिन सुबह 10.30 बजे ट्रायल कोर्ट में पेश होने के निर्देश के साथ सशर्त जमानत दी है।