Supreme Court Notice on NOTA Controversy: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए दूसरे फेज की वोटिंग के बीच NOTA को लेकर बवाल छिड़ गया है। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिस पर सुनवाई के बाद पीठ ने चुनाव आयोग (ECI) को नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया। याचिका शिव खेड़ा की तरफ से दायर की गई है।
वहीं याचिका पर सुनवाई के दौरान गुजरात के सूरत का जिक्र हुआ। बता दें कि आज देश में लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे फेज में 13 राज्यों की 88 सीटों पर मतदान चल रहा है। इस बीच NOTA पर सवाल उठाए गए हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और याचिका पर तुरंत सुनवाई भी की गई। आइए जानते हैं कि आखिर मामला क्या है?
Supreme Court issues notice to ECI on a plea seeking direction to frame rules to the effect that if NOTA gets a majority, the election held in the particular constituency shall be declared null and void and a fresh election shall be conducted to the constituency.
---विज्ञापन---The plea also… pic.twitter.com/GdLHfJ8Nk5
— ANI (@ANI) April 26, 2024
याचिका में की गई यह मांग
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात के सूरत में निर्विरोध चुनाव जीतने जैसी स्थिति से बचने के लिए NOTA को उम्मीदवार मानने की मांग की गई है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका आई है, जिसमें मांग की गई है कि NOTA को एक उम्मदीवार माना जाए और अगर जीतने वाले उम्मीदवार से NOTA को अधिक वोट मिलता है तो वहां दोबारा चुनाव कराए जाएं। याचिका में यह कहते हुए नियम बनाने की भी मांग की गई है कि नोटा से कम वोट पाने वाले उम्मीदवारों को 5 साल की अवधि के लिए सभी चुनाव लड़ने से रोक दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से क्या निर्देश दिए गए?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग को एक प्रस्ताव के साथ जवाब देने का निर्देश दिया गया। वहीं सुनवाई के दौरान सूरत का जिक्र पीठ ने किया और कहा कि अगर यह व्यवस्था होती तो वहां निर्विरोध चुनाव जीतने की नौबत नहीं आती। अभी तक NOTA को मिले वोट का कोई महत्व नहीं होता।