Lok Sabha Election 2024 Bhupesh Baghel Statement: केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनते ही अग्निवीर स्कीम को रद्द कर देंगे। तीनों सेनाओं में रेगुलर भर्ती शुरू करेंगे। यह दावा कांग्रेस के दिग्गज नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया है। उन्होंने अपने X अकाउंट पर पोस्ट लिखकर अग्निवीर योजना को लेकर कांग्रेस के प्लान के बारे में बताया।
उन्होंने लिखा कि महतारी वंदन योजना की पात्र महिलाओं से जब विधानसभा चुनाव 2023 से पहले ही फ़ॉर्म भरवा लिए गए थे तो अब दोबारा फ़ॉर्म क्यों भरवाए जा रहे हैं? उनके अकाउंट में योजना के तहत मिलने वाले पैसे जमा हो जाने चाहिए थे। भाजपा ने पहले नौटंकी की थी या अब कर रही है? जिन महिलाओं ने पहले आवेदन किया था, उनके नाम लिस्ट से कैसे गायब हो गए?
केंद्र में हमारी सरकार आते ही “अग्निवीर योजना” रद्द होगी, फिर से पक्की भर्ती शुरू होगी.
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क्या है अग्निवीर योजना और इसके प्रावधान?
बता दें कि जून 2022 में भारत सरकार द्वारा अग्निपथ योजना की घोषणा की गई थी। योजना के तहत भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना में कमीशन अधिकारियों से नीचे सैनिकों की भर्ती की जाती है, जिन्हें अग्निवीर के नाम से पहचाना जाएगा। स्कीम के तहत साढ़े 17 से 23 साल की उम्र के 12वीं पास युवाओं को तीनों सेनाओं में भर्ती किया जाता है। 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद साढ़े 3 साल की सर्विस देने का प्रावधान योजना के तहत किया गया है।
अग्निपथ योजना के अनुसार, शुरुआत में अग्निवीरों को 30 हजार रुपये सैलरी दी जाती है, जो आखिरी साल तक 40 हजार तक पहुंच जाती है। 4 साल बाद 75 प्रतिशत अग्निवीरों को रिटायर कर दिया जाएगा और करीब 10 से 12 लाख फंड मिलेगा। भर्ती होने वाले अग्निवीरों को देश के अलग-अलग इलाको में नियुक्ति दी जाती है। बाकी बचे 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थायी कमीशन दे दिया जाएगा। कौन रिटायर होंगे, इसका फैसला कुछ नियमों के तहत किया जाएगा।
गारंटी गायब है.
पहले तो जब चुनाव से पूर्व ही फ़ॉर्म भरवा लिए थे, तो दोबारा फ़ॉर्म क्यों भरवाए? उन सबके खाते में राशि चली जानी चाहिए थी।
पहले वाली “नौटंकी” थी या अब वाली?
दूसरा, जब महिलाओं ने आवेदन कर दिया है तो उनके नाम क्यों गायब हो रहे हैं? pic.twitter.com/L0qrfmUv1j
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) February 26, 2024
अग्निवीर भर्ती को लेकर क्यों छिड़ा है विवाद?
जब भाजपा सरकार ने अग्निपथ योजना की घोषणा की थी तो पूरे देश में इसका विरोध हुआ था। नौजवान सड़कों पर उतर गए थे। बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में हिंसा तक हुई थी। स्कीम को लेकर कई तरह के सवाल उठे थे, जैसे स्कीम की जरूरत क्यों पड़ी?
75 प्रतिशत अग्निवीर क्यों रिटायर किए जाएंगे? कम उम्र में अग्निवीर बनेंगे और जल्दी रिटायर होंगे। उसके बाद युवाओं के भविष्य का क्या होगा? उन्हें फिर से नई नौकरियां तलानी होंगी। शुरुआत में हर साल सिर्फ 50 हजार भर्तियां करने की घोषणा पर विवाद हुआ था। भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा 23 रखी गई है, लेकिन जो पहले से भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा हैं और 23 से ज्यादा उम्र के हैं, उनके साथ नाइंसाफी हो गई।
स्कीम के तहत भर्ती होने वाले अग्निवीरों को शहादत पर सलामी देने का प्रावधान नहीं है। अग्निवीर स्कीम के तहत भर्ती करते समय धर्म और जाति का प्रमाण पत्र मांगा जाता है। नेपाल ने भी स्कीम का विरोध करते हुए सवाल उठाए थे कि अगर गोरखा रेजीमेंट में नेपाली भर्ती किए जाएंगे और उन्हें बिना पेंशन के 4 साल में रिटायर कर दिया जाएगा तो स्कीम लागू करने से पहले नेपाल से बात क्यों नहीं की गई? इसके जवाब में भारतीय सेना की तरफ से स्पष्ट किया गया था कि नेपालियों की भर्ती प्रक्रिया पहले वाली ही रहेगी।
#WATCH | Moradabad, UP | Congress leader Rahul Gandhi says, “We have clearly written in the manifesto that if 90% wants participation then the first step is caste census… You’re asked to hate one another and then your property is looted… Why did the agniveer scheme come? To… pic.twitter.com/e644dqL9si
— ANI (@ANI) February 24, 2024