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कुवैत अग्निकांड में मारे गए 45 भारतीय कौन? कोई अकाउंटेंट तो कोई इंजीनियर, सामने आई पूरी लिस्ट

Kuwait Fire Tragedy Latest Update: कुवैत अग्निकांड में मारे गए 45 भारतीयों की शिनाख्त हो गई है। इनमें सबसे ज्यादा मृतक केरल और तमिलनाडु के शामिल हैं। सभी 45 भारतीयों के पार्थिव शरीर लेकर विदेश राज्य मंत्री कुवैत से भारत आ रहे हैं।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Jun 14, 2024 09:45
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Kuwait Fire Tragedy NBTC Building
कुवैत में हुए भीषण अग्निकांड का कारण सिलेंडर में ब्लास्ट होना था।

Kuwait Fire Tragedy Indian Survivors Identified: कुवैत के मंगफ शहर में बनी NBTC बिल्डिंग में हुए भीषण अग्निकांड में करीब 50 लोग जिंदा जलकर मारे गए। इनमें 45 भारतीय शामिल हैं, जिनकी शिनाख्त हो गई है। मरने वालों में केरल के 23, तमिलनाडु के 7, आंध्र प्रदेश के 3, उत्तर प्रदेश के 3, ओडिशा के 2, और बिहार, पंजाब , कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, झारखंड, हरियाणा से एक-एक भारतीय हैं।

पीड़ितों में इंजीनियर, ड्राइवर, सुपरवाइजर और अन्य पेशेवर शामिल हैं। विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह भारतीय वायुसेना के विमान में सभी 45 शव लेकर भारत आ रहे हैं। जहाज कोच्चि एयरपोर्ट पर लैंड करेगा। वहां केरल और तमिलनाडु के मृतकों के अवशेष उनके परिजनों को सौंपे जाएंगे। इसके बाद जहाज दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचेगा। मृतकों में कौन-कौन शामिल है, आइए लिस्ट देखते हैं…

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यहां देखें मृतकों के नामों की सूची…

केरल और तमिलनाडु में सबसे ज्यादा पीड़ित

आकाश एस नायर

पथानामथिट्टा जिले के पंथालम के रहने वाले 32 वर्षीय आकाश पिछले 8 साल से कुवैत में काम कर रहे थे। वे एक साल पहले छुट्टी पर भारत आए थे।

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चेन्नासेरिल साजू वर्गीस

पथानामथिट्टा जिले के कोन्नी के 65 वर्षीय व्यक्ति वर्गीस 22 साल से कुवैत में काम कर रहे थे। उनके परिवार में पत्नी बिंदु और 2 बच्चे हैं।

श्रीहरि प्रदीप

चंगनास्सेरी के रहने वाले श्रीहरि कुवैत में मैकेनिकल इंजीनियर थे। उनके पिता प्रदीप भी कुवैत में काम करते हैं, जबकि उनकी मां दीपा केरल में रहती हैं।

ल्यूकोस

48 वर्षीय कोल्लम निवासी ल्यूकोस 18 साल से कुवैत में NBTC में सुपरवाइजर के तौर पर काम कर रहे थे। वे पिछले एक साल से केरल नहीं आए थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी शाइनी और 2 बच्चे हैं।

साजन जॉर्ज

कोल्लम के पुनालुर से 29 वर्षीय एम.टेक साजन जॉर्ज एक महीने पहले नौकरी के लिए कुवैत गए थे। वह NBTC ग्रुप में जूनियर मैकेनिकल इंजीनियर थे। उनके परिवार में उनके पिता जॉर्ज पोथन, मां वलसम्मा और एक बहन है।

केलू पोनमलेरी

NBTC ग्रुप में प्रोडक्शन इंजीनियर थे। कासरगोड के त्रिकारीपुर के मूल निवासी केलू के परिवार में उनकी पत्नी केएन मणि हैं, जो पंचायत कर्मचारी हैं और उनके 2 बेटे हैं।

रंजीत

34 वर्षीय कासरगोड निवासी, पिछले 10 साल से कुवैत में काम कर रहा था।

शमीर

कोल्लम निवासी पिछले 5 साल से कुवैत में ड्राइवर के रूप में काम कर रहा था।

स्टेफिन अब्राहम साबू

कोट्टायम पम्पाडी के मूल निवासी साबू कुवैत में इंजीनियर के तौर पर काम करते थे। उनके एक भाई फेबिन भी कुवैत में हैं।

विश्वास कृष्ण

कन्नूर के रहने वाले 34 वर्षीय कृष्ण ने बेंगलुरु में नौकरी छोड़ने के बाद 9 महीने पहले कुवैत में एक निजी कंपनी में नौकरी कर ली थी। उनके परिवार में उनकी पत्नी पूजा रमेश और 3 साल का बेटा दैविक है।

बिनॉय थॉमस

त्रिशूर के रहने वाले बिनॉय थॉमस 5 दिन पहले ही कुवैत पहुंचे थे। हादसे के दिन सुबह 2 बजे तक वे उनसे ऑनलाइन बात कर रहे थे। बाद में, परिवार का उनसे संपर्क टूट गया और सरकारी एजेंसी नोरका ने उनकी मौत की पुष्टि की। उनके परिवार में पत्नी जिनिथा और 2 बच्चे हैं।

शिबू वर्गीस

38 वर्षीय अकाउंटेंट 11 साल से कुवैत में NBTC के साथ काम कर रहे थे। उनके भाई शिजू भी कुवैत में हैं। उनके परिवार में उनकी पत्नी रोजी थॉमस और 3 साल का बेटा है।

थॉमस सी ओमेन

पथानामथिट्टा के मूल निवासी थॉमस पिछले 6 वर्षों से कुवैत में थे। उनके परिवार को सबसे पहले हादसे के बारे में पता चला और बाद में अधिकारियों से पुष्टि हुई। उनके परिवार में पत्नी और बच्चे हैं। उन्हें अपने नए घर के गृह प्रवेश में शामिल होना था, जो अभी निर्माणाधीन है।

बहुलेयन

मलप्पुरम के 36 वर्षीय व्यक्ति कुवैत हाईवे हाइपर मार्केट में एक सेक्शन के प्रभारी के रूप में काम करते थे।

वीराचामी मरियप्पन

तूतीकोरिन के कोविलपट्टी क्षेत्र के निवासी थे और 20 वर्षों से कुवैत में रह रहे थे।

राजू इबामेसन

त्रिची के रहने वाले 54 वर्षीय राजू कुवैत में NBTC ग्रुप में भारी वाहनों के ड्राइवर के रूप में काम कर रहे थे।

करुपन्नन रामू

रामनाथपुरम के करुपन्नन 26 साल से कुवैत में काम कर रहे थे। उन्हें अगले 4 दिन में अपने पैतृक गांव में लौटना था। उनके परिवार को शुरुआती जानकारी मिली थी कि आग लगने की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, लेकिन बाद में उनकी मौत की पुष्टि हुई।

भुनफ रिचर्ड

तंजावुर के रहने वाले 28 वर्षीय भुनफ NBTC में क्वालिटी मैनेजर थे।

कृष्णमूर्ति चिन्नादुरई

कुड्डालोर के रहने वाले कृष्णमूर्ति ने आखिरी बार अपने परिवार के सदस्यों से हादसे वाली रात बात की थी। उसके बाद उनसे कोई संपर्क नहीं हुआ। उनके एक दोस्त से अग्निकांड में उनकी मौत होने की खबर परिवार को दी।

गोविंदन शिवशंकर

चेन्नई के 48 वर्षीय गोविंदन एक एजेंसी के जरिए कुवैत गए थे, जहां उन्हें 2 साल के लिए बतौर ड्राइवर काम करना था। उनका परिवार चेन्नई के रॉयपुरम इलाके में रहता है।

HISTORY

Written By

Khushbu Goyal

First published on: Jun 14, 2024 09:02 AM

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