Kolkata Business Family Mystery: कोलकाता के टैंगरा इलाके में एक बिजनेसमैन परिवार के साथ ऐसा क्या हुआ कि पूरा परिवार बिखर गया? परिवार के तीन लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं तीन लोग जख्मी हालत में हाॅस्पिटल में भर्ती है। फिलहाल पूरे कोलकाता में इस मामले को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है कि व्यवसायी के घर में मिले तीन शवों की हत्या हुई या उन्होंने सुसाइड किया है।
मामले का खुलासा एक एक्सीडेंट से हुआ। कोलकाता के रूबी इलाके में एक तेज स्पीड से आ रही गाड़ी मेट्रो के पिलर से टकरा गई। इस हादसे में प्रणय डे, उनके भाई प्रसून डे और एक 16 साल का किशोर गंभीर रूप से घायल हो गया। प्रणय डे ने पुलिस को बताया कि यह सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि सोची समझाी सुसाइड की कोशिश थी, इसके आगे हुए खुलासे ने पुलिस को हैरान कर दिया है। प्रणय ने बताया कि उनके घर में पहले ही तीन लोगों ने सुसाइड कर लिया है।
परिवार के पास थी अकुत संपत्ति
कोलकाता के टैंगरा इलाके में रहने वाला डे परिवार कभी समृद्धि का प्रतीक था। शानदार घर, दस्ताने बनाने की फैक्ट्री, संपत्ति, कारें और चौबीस घंटे चौकीदार। एकदम भरा-भूरा परिवार। इस बिजनेस की शुरुआत करने वाले पीके डे को इलाके के लोग छोटू दा के नाम से जानते थे। जब पारिवारिक व्यवसाय चरम पर था, तब उन्होंने इलाके में कई लोगों को नौकरी दी थी। जिससे आसपास के लोग भी उन्हें चाहते थे।
कई बैंकों से लिया था लोन
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने मामले में खुलासा करते हुए कहा कि डे परिवार जोकि अकूत संपत्ति और लग्जरी लाइफस्टाइल के लिए जाना जाता था। लेकिन सच्चाई कुछ और ही थी। डे परिवार कर्ज के जाल में डूबा था। उनके घर और कार भी गिरवी थे। एक समय में उनकी फैक्ट्री से 300 लोगों की आजीविका चलती थी, अब उनके पास मात्र 40 लोग रह गए थे। घटना के बाद से पास में स्थित फैक्ट्री बंद हो गई थी। सूत्रों की मानें तो वे हाल में फैक्ट्री का किराया भी नहीं दे पा रहे थे।
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ड्राइवर ने क्या कहा?
रिपोर्ट के अनुसार डे परिवार ने कई बैंकों से लोन ले रखा था। उन्होंने झूठी बैलेंस सीट बनाकर कई और जगहों से भी पैसा उधार ले लिया था। मामले में परिवार के ड्राइवर कैलाश ने बताया कि उसे मंगलवार को ड्यूटी पर नहीं आने को बोला गया तो वह भी हैरान रह गया। उसे कहा गया कि जब उसकी जरूरत होगी तो उसे फोन कर बुला लिया जाएगा। ड्राइवर ने बताया कि उसे हर महीने की 5 तारीख को सैलरी मिल जाती थी ऐसे में कभी उसे संदेह नहीं हुआ कि परिवार कर्ज के जाल में डूबा है।
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पड़ोसी डाॅक्टर ने क्या बताया?
डे परिवार के घर के पास में डेंटल क्लीनिक चलाने वाले डाॅ. सीके चांग ने कहा डे परिवार के साथ ऐसी त्रासदी हुई, इस पर विश्वास करना कठिन हो रहा है। मैंने उनको कभी लड़ते हुए नहीं देखा। घर की महिलाएं ज्यादातर घर में ही रहती थीं। दोनों भाई भी कभी हंगामा नहीं करते थे।
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया कि दोनों भाइयों के बयान अलग-अलग है। घर में महिलाओं की मौतें 18 फरवरी को हुईं है। परिवार ने पहली बार 17 फरवरी को मिठाई में जहर मिलाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। हालांकि यह प्रयास फेल हो गया क्योंकि अगले ही दिन सभी को होश आ गया।