नई दिल्ली: केरल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के महासचिव प्रभारी पीएमए सलाम (PMA salam) ने एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने बयान में दावा किया कि लड़के और लड़कियों को स्कूल की कक्षाओं में एक साथ बैठने की अनुमति देना खतरनाक है। पीएमए सलाम का बयान ऐसे समय में आया है, जब राज्य सरकार शिक्षा प्रणाली में जेंडर नेचुरल एजुकेशन सिस्टम को लागू करने का प्रयास कर रही है।
सलाम ने केरल सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य सरकार का प्रयास खतरनाक है। लड़कियों और लड़कों को कक्षाओं में एक साथ बैठने की क्या आवश्यकता है? आप जेंडर नेचुरल एजुकेशन सिस्टम के जरिए उन्हें क्यों मजबूर कर रहे हैं या ऐसे अवसर पैदा कर रहे हैं? इससे केवल समस्याएं ही होंगी। छात्र पढ़ाई से विचलित हो जाएंगे।
उन्होंने कहा, “लैंगिक तटस्थता (gender-neutral) एक धार्मिक मुद्दा नहीं बल्कि एक नैतिक मुद्दा है। सरकार छात्रों पर इसे थोपने की कोशिश कर रही है। लैंगिक तटस्थता छात्रों को गुमराह करेगी। हम सरकार से इसे वापस लेने के लिए कहेंगे।”
इससे पहले मुस्लिम संगठनों ने सरकार से राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में लिंग-तटस्थ विचारों को थोपने के कदम से हटने को कहा था। उन्होंने वामपंथी नेतृत्व वाली सरकार पर शैक्षणिक संस्थानों में उदार विचारधारा को लागू करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।