---विज्ञापन---

देश

केरल के राज्यपाल बोले- इस्लाम में फतवा का कोई स्थान नहीं, राजनीतिक हथियार के रूप में हो रहा इस्तेमाल

Kerala Governor On Fatwa: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि इस्लाम में फतवा का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि फतवों को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) की मैगजीन ‘पांचजन्य’ की ओर से आयोजित एक सम्मेलन में खान ने ये बातें […]

Author Edited By : Om Pratap Updated: Jan 16, 2023 11:47
Kerala Governor

Kerala Governor On Fatwa: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि इस्लाम में फतवा का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि फतवों को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) की मैगजीन ‘पांचजन्य’ की ओर से आयोजित एक सम्मेलन में खान ने ये बातें कही।

केरल के गवर्नर ने का कि फतवे वास्तव में केवल राजनीतिक कारणों से दिए जाते हैं और राजनीतिक हथियारों के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं। खान ने कहा कि कुरान में 200 उदाहरण हैं और कोई भी इंसान यह तय नहीं कर सकता कि कौन सही है और कौन गलत।

---विज्ञापन---

जिनके पास शक्ति वे विचारों का प्रचार करते हैं: खान

आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि सभी समाजों में हमेशा दो विचार होते हैं। लेकिन जिनके पास शक्ति है वे अपने विचारों का प्रचार करते हैं। पादरी वर्ग का निर्माण इसलिए किया गया ताकि उनके निर्णयों को धार्मिक वैधता प्राप्त हो सके। पैगंबर के निधन के बाद से इस्लाम धर्म को राजनीति ने अपने कब्जे में ले लिया है।

राज्यपाल ने कहा कि जब उनके खिलाफ फतवा जारी किया गया था, तब वे भाजपा के कार्यकर्ता नहीं थे। उन्होंने कहा कि मैं अपना भाषण हिंदी में दिया करता था। उन दिनों हिन्दी के शब्दों के इस्तेमाल पर भी फतवा मिल जाता था। खान ने कहा कि कुछ फतवे वास्तव में केवल राजनीतिक कारणों से दिए जाते हैं और राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं।

केरल के सीएम के साथ मतभेदों पर भी बोले खान

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के साथ अपने मतभेदों पर, खान ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वह नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में आए थे। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि जब से उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि वह अपना संवैधानिक कर्तव्य निभा रहे हैं, तब से कोई विवाद नहीं है।

केरल के राज्यपाल ने कहा कि जिस क्षण मैं वहां पहुंचा, सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) आ गया। वे इस बात को पचा नहीं पाए कि केरल में एक संवैधानिक कार्यालय सीएए के समर्थन में आ सकता है। मैंने सीएम से कहा कि मैं जानता हूं कि आप कम्युनिस्ट हैं। और यहां तक कि मैं भी संगठित धर्म को मानने वाला नहीं हूं। बल्कि मैं अध्यात्म में विश्वास रखता हूं।

राज्यपाल खान ने कहा कि मैंने उनसे (केरल के CM) कहा कि मेरी जवाबदेही संविधान है। मैंने उनसे कहा कि आप सार्वजनिक रूप से मेरी आलोचना करते हैं और मुझे बुरा नहीं लगेगा। आप अपना कर्तव्य निभाएं और मैं अपना काम करूंगा,  तब से कोई तनाव नहीं है।

First published on: Jan 16, 2023 11:47 AM

संबंधित खबरें