नई दिल्ली: डेमोक्रेटिक आज़ाद पार्टी के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद ने कश्मीरी पंडित का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में स्थिति में सुधार होने तक कर्मचारियों को जम्मू स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
आजाद दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, जहां उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में लक्षित हत्याओं ने कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को संकट की स्थिति में छोड़ दिया है, जहां वे जीवन के डर के कारण कश्मीर में अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएम पैकेज के तहत जिन कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को कश्मीर में नौकरी दी गई थी, उन्हें कश्मीर में स्थिति में सुधार होने तक अस्थायी रूप से जम्मू स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
गुलाम नबी आजाद ने आगे कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल में कश्मीर में सर्वाधिक संख्या में आतंकवादी आत्मसमर्पण दर्ज किए गए थे, लेकिन आज शायद ही कोई आत्मसमर्पण होता दिखाई दे रहा है और अधिकांश आतंकवादी मारे जा रहे हैं. आजाद ने कहा कि वह आतंकवादियों के मारे जाने का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाते समय आम लोगों को परेशानी न हो।
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बता दें कि घाटी में कश्मीरी पंडितों को टारगेट बनाया जा रहा है। जिससे डर का माहौल बना है। कश्मीरी पंडितों दूर दराज के इलकों में काम नहीं करना चाहते हैं औऱ सरकार से मांग कर रहे हैं कि पोस्टिंग शहरों में ही दी जाए।
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