एकादशी का दिन था, श्रद्धालु भगवान विष्णु का भजन-सुमिरन करते हुए वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में आगे बढ़ रहे थे। सीढ़ियों से होते हुए गर्भगृह तक जाना था। सीढ़ियां संकरी थी लेकिन लोगों की श्रद्धा बेहद विशाल थी। शायद यही उत्सुकता भक्तों पर भारी पड़ गई। मंदिर तक जाने में कई मंजिल की घुमावदार सीढ़ियां थीं।
लोग सीढ़ियों की क्षमता से कई अधिक संख्या में चढ़ते जा रहे थे। लोगों का दबाव बढ़ता गया। बगल में लगी स्टील की रेलिंग पर दबाव काफी बढ़ गया। कुछ ही देर में रेलिंग टूट गई। रेलिंग टूटन से भीड़ अनियंत्रित हो गई। बच्चों से लेकर बूढ़े तक नीचे से आ रहे श्रद्धालुओं के ऊपर गिर पड़े। नीचे वाले कई श्रद्धालु दबकर मर गए। इससे तुरंत अफरा तफरी मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे। घुमावदार सीढ़ियां होने की वजह से भक्त काफी देर फंस कर गए। कई लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
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बता दें कि आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के में प्रसिद्ध वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में शनिवार को बड़ी घटना हो गई। घटना पर पीएम मोदी और सीएम चंद्रबाबू नायडू ने शोक जताया है। हादसे में अभी तक 3 मुख्य वजहें सामने आ रही हैं। पहली और सबसे बड़ी वजह एंट्री-एग्जिट एक रही। दूसरी संकरी और घुमावदार सीढ़ियां, तीसरी वजह त्योहार होने पर पहले से भीड़ आने का पता था, लेकिन भीड़ नियंत्रण का कोई प्रबंध नहीं किया गया।
बताया जा रहा है कि मंदिर का परिसर 12 एकड़ में फैला हुआ है। लेकिन मुख्य मंदिर में जाने के लिए संकरी सीढ़ियां हैं। हैरानी की बात है कि प्रवेश और निकास के लिए एक ही रास्ता बनाया गया। जब सीढ़ियों पर भगदड़ की स्थिति हुई तो दोनों तरफ से लोग आने से सीढ़ियां पूरी तरह चोक हो गईं। इससे जो जहां था, वहीं दब गया।
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