नई दिल्ली: कर्नाटक के एक मंत्री का ऑडियो लीक हो गया है जिसमें वे बोल रहे हैं कि सरकार अपना काम ठीक तरीके से नहीं कर पा रही है। मंत्री के इस ऑडियो क्लिप को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। दरअसल, कुछ दिन पहले भी वक्फ बोर्ड में हत्या के एक आरोपी को नियुक्त करने पर कर्नाटक की बोम्मई सरकार को काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वायरल ऑडियो क्लिप मंत्री मधुस्वामी का है जो कानून और संसदीय मामलों के मंत्री हैं। बताया जा रहा है कि जो ऑडियो क्लिप वायरल हो रहा है, उसमें मधुस्वामी और चन्नापटना निवासी समाजिक कार्यकर्ता भास्कर के साथ बातचीत कर रहे हैं।
कानून मंत्री के वायरल वीडियो क्लिप को लेकर बोम्मई सरकार में शामिल मंत्री मुनीरत्न ने कहा कि मधुस्वामी की टिप्पणी एक मंत्री के तौर पर अशोभनीय है। मुनिरत्न ने कहा, “मधुस्वामी राज्य मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं और सरकार के खिलाफ टिप्पणी करना उनके लिए अनुचित है, जिसका वे खुद हिस्सा हैं।”
वायरल ऑडियो क्लिप में क्या है…
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वायरल ऑडियो क्लिप में कानून मंत्री को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है कि हमारी सरकार काम नहीं कर रही है। हम केवल चीजों को मैनेज कर रहे हैं क्योंकि राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए केवल आठ महीने बचे हैं।
भास्कर ने मंत्री से शिकायत करने के लिए फोन किया कि सहकारी बैंक किसानों से 50,000 रुपये के कर्ज को रिन्यू करने के लिए 1300 रुपये चार्ज कर रहे हैं। उन्होंने शुल्क की मांग करने वाले बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस शिकायत पर मधुस्वामी को कथित तौर पर जवाब देते हुए सुना जाता है कि मुझे पता है कि ये मुद्दे हैं। मैंने इसे सहकारिता मंत्री सोमशेखर के संज्ञान में लाया है।
सहकारिता मंत्री सोमशेखर ने क्या कहा…
उधर, जब पत्रकारों ने मैसूर में मौजूद सोमशेखर से इस मुद्दे पर बात की तो उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी। सोमशेखर ने कहा कि मधुस्वामी इस भ्रम में हैं कि वे अकेले बुद्धिमान हैं और अगर ऐसा है तो उन्हें इस भ्रम से बाहर आना चाहिए। इस दौरान सोमशेखर ने सहकारी बैंकों के किसानों को लूटने के मुद्दे की जांच करने का भी वादा किया।
कांग्रेस ने बोम्मई सरकार पर साधा निशाना
इस बीच विपक्षी कांग्रेस ने बोम्मई सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के निष्क्रिय प्रशासन का इससे बेहतर उदाहरण क्या हो सकता है? क्या यह मंत्री मधुस्वामी की लाचारी है या फिर अपनी ही सरकार के खिलाफ आरोप या बोम्मई के प्रशासन के प्रति असंतोष है?