Karnataka Assembly Election 2023: कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) चीफ डीके शिवकुमार ने कनकपुरा विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल कर दिया है। सोमवार को नामांकन दाखिल करते हुए डीके शिवकुमार ने सौंपे गए हलफनामे में अपनी कुल संपत्ति 1214.93 करोड़ रुपये बताई है।
बता दें कि इस सीट पर डीके शिवकुमार का सामना भाजपा नेता और कर्नाटक के मंत्री आर अशोक से होगा। उधर, सोमवार को नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने भाजपा पर भ्रष्टाचार और कुशासन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की जनता से आशीर्वाद लेकर मैंने कनकपुरा निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया। मुझे कर्नाटक की जनता पर पूरा भरोसा है। हम आने वाले कुछ दिनों में भ्रष्टाचार और खराब शासन को जड़ से खत्म करने के लिए तैयार हैं।
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Guided by the blessing of my people of Karnataka, filed my nomination today from Kanakapura constituency.
I have full faith in Karnataka, as we are all set to root out corruption and poor governance in the coming few days. pic.twitter.com/p43o66kUwH
---विज्ञापन---— DK Shivakumar (@DKShivakumar) April 17, 2023
2013 के बाद 4 गुना बढ़ी डीके शिवकुमार की संपत्ति
हलफनामे के अनुसार, कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख ने कुल 1214.93 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है, जिसमें अचल संपत्ति 970 करोड़ रुपये और चल संपत्ति 244.93 करोड़ रुपये है। डीके शिवकुमार और उनके परिवार के सदस्यों (पत्नी उषा और बेटा आकाश) की कुल संपत्ति 1,414 करोड़ रुपये है।
कांग्रेस नेता की ओर से दायर हलफनामे के अनुसार, शिवकुमार की वार्षिक आय 14 करोड़ रुपये से अधिक बताई गई है। 60 साल के कांग्रेस नेता को कलाई घड़ियों का शौक है। उनके पास फ्रांसीसी लक्जरी ग्रुप LVMH की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी हुब्लोट की 23 लाख रुपये की कलाई घड़ी है। इसके अलावा, उनके पास 9 लाख रुपये की रोलेक्स ब्रांड की घड़ी भी है।
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गौरतलब है कि कांग्रेस नेता अपने खिलाफ दर्ज आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी मुकदमा लड़ रहे हैं। संपत्ति मामले की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को अनुमति देने के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली डीके शिवकुमार की याचिका पर कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कांग्रेस नेता के खिलाफ 2020 में 2013 से 2018 तक उनकी संपत्तियों और संपत्ति में कथित वृद्धि को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जब राज्य में सिद्धारमैया के मुख्यमंत्री के रूप में कांग्रेस पार्टी का शासन था।