Karan Singh on Article 370 Jammu Kashmir People Accept Supreme court Verdict: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के अपने पिछले फैसले को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने और न्यायमूर्ति गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत के लिए फैसला लिखते हुए कहा कि संविधान का अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था और राष्ट्रपति के पास इसे रद्द करने की शक्ति है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कुछ पार्टियों के नेता निराश हुए। जिसमें डीपीएजी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद भी शामिल हैं। वहीं, जम्मू-कश्मीर के आजादी से पहले प्रधानमंत्री रह चुके महाराजा हरि सिंह के बेटे और कांग्रेस नेता करण सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया।
अगले चुनाव में अपनी ऊर्जा लगाएं
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसले को बरकरार रखने पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जम्मू-कश्मीर का एक वर्ग खुश नहीं होगा। मेरी सलाह है कि उन्हें कोर्ट के फैसले को स्वीकार करना चाहिए। इसलिए अनवाश्यक रूप से इसका विरोध करने से कोई फायदा नहीं। उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को नकारात्मकता विकसित करने बजाय अगले चुनाव में अपनी ऊर्जा लगानी चाहिए।
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#WATCH | On Supreme Court constitutionally validating the removal of Article 370 in Jammu and Kashmir, senior Congress leader and Maharaja Hari Singh's son Karan Singh says, "A section of people in J&K who will not be happy with this judgment, my sincere advice is that they… pic.twitter.com/4xm4x06E8S
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) December 11, 2023
अगले चुनाव में लगाएं अपनी ऊर्जा
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले को बरकरार रखामहाराजा हरि सिंह के बेटे करण सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोगों का एक वर्ग है, जो इस फैसले से खुश नहीं होगा। मेरी उन्हें ईमानदार सलाह है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करना चाहिए और उन्हें इस तथ्य को स्वीकार करना चाहिए कि अब सुप्रीम कोर्ट भी अपने फैसले को बरकरार रखा चुका है और इसलिए अब अनावश्यक रूप से दीवार पर सिर मारने का कोई मतलब नहीं है। अब मेरा सुझाव यह है कि उन्हें अगले चुनाव के लिए अपनी ऊर्जा लड़ाई में लगानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर आर्टिकल 370 हटाए जाने का विरोध करने की जगह लोगों को अपनी ऊर्जा को नकारात्मकता फैलाने में नहीं लगानी चाहिए।