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Kanshi Ram Jayanti: कांशीराम ने इस पार्टी से लड़ा था अपना पहला चुनाव, हारे…मगर वोटों ने बढ़ाया था हौसला

Kanshi Ram Jayanti: आज 15 मार्च को बसपा के संस्थापक कांशीराम की जयंती है। 1934 में पंजाब के रोपड़ जिले के खवासपुर गांव में उनका जन्म 15 मार्च को हुआ था। वे रैदास जाति के थे, लेकिन सिख धर्म अपनाने के बाद वे रैदासी सिख हो गए थे। बसपा से पहले बनाए थे दो संगठन कांशीराम […]

Author Edited By : Bhola Sharma
Updated: Mar 15, 2023 22:11

Kanshi Ram Jayanti: आज 15 मार्च को बसपा के संस्थापक कांशीराम की जयंती है। 1934 में पंजाब के रोपड़ जिले के खवासपुर गांव में उनका जन्म 15 मार्च को हुआ था। वे रैदास जाति के थे, लेकिन सिख धर्म अपनाने के बाद वे रैदासी सिख हो गए थे।

बसपा से पहले बनाए थे दो संगठन

कांशीराम ने 14 अप्रैल 1984 को बसपा की स्थापना की थी। इससे पहले उन्होंने दलित शोषित समाज संघर्ष समिति यानी डीएस-4 और फिर बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटीज एम्पलॉयी फेडरेशन यानी बामसेफ का गठन किया था।

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80 के दशक में लड़ा था पहला चुनाव

वैसे तो कांशीराम ने राजनीति में कोई पद अपने पास नहीं रखा। लेकिन लोकसभा चुनाव जरूर लड़ा था। बात 80 के दशक की है। नवंबर 1984 में लोकसभा चुनाव का ऐलान किया। उस वक्त बसपा को मान्यता नहीं मिली थी। ऐसे में उन्होंने छत्तीसगढ़ के जांजगीर सीट से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार ताल ठोंक दी।


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दलित बाहुल्य थी सीट

चूंकि यह सीट अनुसूचित जाति बाहुल्य थी तो कांशीराम को भरोसा था कि वे चुनाव आसानी से जीत जाएंगे। कांशीराम ने दलित समुदाय के सशक्तिकरण के लिए साइकिल से गांव-गांव प्रचार किया। लोगों को जोड़ने का भरपूर प्रयास किया। जांजगीर कांग्रेस का गढ़ था। लेकिन कांशीराम के अभियान में भरपूर भीड़ उमड़ रही थी।

मतदान में कांशीराम को मिले थे इतने वोट

मतदान के बाद परिणाम आए। कांशीराम हार चुके थे। फिर भी उन्हें 32,135 वोट मिले। कांशीराम नतीजों से हतोत्साहित नहीं हुए। क्योंकि बसपा को इस क्षेत्र में आधार बनाने का मौका मिल गया था। बसपा इसे अपनी पैतृक सीट मानती है।

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First published on: Mar 15, 2023 10:11 PM

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