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पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग, याचिका पर SC ने कहा- हम पर कार्यपालिका के अधिकारों में दखल देने का आरोप

President Rule in West Bengal: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में जारी हिंसा और सुप्रीम कोर्ट पर हो रही बयानबाजी के बीच पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि हम पर कार्यपालिका में अतिक्रमण करने के आरोप लग रहे हैं और आप चाहते हैं कि हम राष्ट्रपति को परमादेश जारी करें?

Author Reported By : Prabhakar Kr Mishra Edited By : Satyadev Kumar Updated: Apr 21, 2025 12:03
Justice BR Gavai
जस्टिस बीआर गवई। (फाइल फोटो)

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में जारी हिंसा और सुप्रीम कोर्ट को लेकर हो रही बयानबाजी के बीच पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। इस याचिका पर सुनवाई की मांग सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने की है। विष्णु शंकर जैन ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पैरा मिलिट्री फोर्स की तत्काल तैनाती की आवश्यकता है। वहीं, मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर दाखिल 2 याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी चर्चा का विषय बन गई है।

क्या कहा विष्णु शंकर जैन ने?

सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 के कानून बनने के बाद हाल ही में हुई हिंसा के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग वाली एक रिट याचिका के संबंध में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष उपस्थित हुए और मामले का उल्लेख किया। सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग वाली याचिका को मेंशन करते हुए जस्टिस गवई की बेंच से कहा कि राज्य में अर्धसैनिक बलों की तत्काल तैनाती की आवश्यकता है। विष्णु जैन ने कहा कि इस मामले पर पहले से बंगाल मे पोस्ट पोल हिंसा की मेरी याचिका लंबित है, जिस पर कोर्ट 2022 में नोटिस जारी कर चुका है। यह मामला कल सुनवाई के लिए लिस्टेड है। इसी मामले में हमने बगाल में हुई मौजूदा हिंसा को लेकर एक अर्जी दाखिल की है। जिसमें अर्धसैनिक बलों की तैनाती, तीन रिटायर जजों की निगरानी में जांच कराने की मांग की है। साथ ही राज्यपाल से इसकी रिपोर्ट मांगी जाए और इस हिंसा में हिन्दुओं के पलायन की जानकारी मुहैया कराई जाए।

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जस्टिस गवई ने दिया ये जवाब

इस पर जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि आप चाहते हैं कि हम इसे लागू करने के लिए राष्ट्रपति को परमादेश जारी करें? वैसे भी हम पर कार्यपालिका में अतिक्रमण करने का आरोप है। हम पर आरोप लग रहा है कि हम कार्यपालिका के अधिकारों में दखल दे रहे हैं।

विष्णु शंकर जैन की याचिका में की गई है ये मांग

1. तीन रिटायर्ड जजों की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई जाए।
2. फैक्ट फाइंडिंग कमेटी पश्चिम बंगाल भेजी जाए।
3. अर्ध सैनिक बलों की तैनाती हो।
4. अनुच्छेद 355 के तहत राज्यपाल से राज्य की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी जाए।
5. हिंसा के बाद असम पलायन कर गए हिंदू परिवारों के बारे में रिपोर्ट ली जाए।

दूसरी याचिका में SIT के गठन की मांग

वहीं, दूसरी याचिका वकील शशांक शेखर झा की ओर से दायर की गई है। याचिका के जरिए मुर्शिदाबाद हिंसा की की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी के गठन की मांग की गई है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। गौरतलब है कि वक्फ एक्ट के खिलाफ पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में जमकर विरोध-प्रदर्शन किया गया था। इस दौरान वहां पर हिंसा भड़क उठी, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई थी।

राज्यपाल ने किया था मुर्शिदाबाद का दौरा

मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद वहां कई घर ऐसे मिले जहां से परिवार पलायन कर चुके हैं और लूटपाट के बाद उनके घरों को जला दिया गया है। इसके बाद राज्यपाल सीवी आनंद बोस और महिला आयोग की टीम ने भी मुर्शिदाबाद का दौरा किया था। दौरा करने के बाद महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कहा था कि यहां लोग इतने दर्द में हैं, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।

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Edited By

Satyadev Kumar

Reported By

Prabhakar Kr Mishra

First published on: Apr 21, 2025 11:52 AM

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