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देश के 53वें CJI बने जस्टिस सूर्यकांत, 7 देशों के चीफ जस्टिस के सामने इस भाषा में ली शपथ

सुप्रीम कोर्ट में अब सीजेआई पद की कमान जस्टिस सूर्यकांत ने संभाल ली है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। इस मौके पर 7 देशों के चीफ जस्टिस और जस्टिस भी मौजूद रहे। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

Author Written By: News24 हिंदी Updated: Nov 24, 2025 15:06
देश ने नए सीजेआई सूर्यकांत

देश को बने मुख्य न्यायाधीश (CJI) मिल गए हैं। अब जस्टिस सूर्यकांत देश के नए सीजेआई होंगे। सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस सूर्यकांत को सीजेआई पद की शपथ दिलाई। इस मौके पर अतिथि के रुप में 7 देशों के चीफ जस्टिस और जस्टिस मौजूद रहे। इस दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने हिंदी में शपथ ली। हिंदी में शपथ लेने से सीजेआई सूर्यकांत की काफी तारीफ हुई।

23 नवंबर को जस्टिस बीआर गवई ने सीजेआई के पद से इस्तीफा दे दिया था। शपथ ग्रहण में गवई ने गले मिलकर नए सीजेआई का स्वागत किया। शपथ ग्रहण के बाद सीजेआई सूर्यकांत ने माता-पिता के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।

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यह भी पढ़ें: Explainer: कैसे तय होते हैं भारत के CJI? क्या है कॉलेजियम; सुप्रीम कोर्ट के लिए कितना अहम

भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि सबसे बड़ा इंटरनेशनल न्यायिक प्रतिनिधिमंडल भारत के सीजेआई के शपथ ग्रहण में पहुंचे। शपथ ग्रहण में ब्राजील, भूटान, केन्या, मलेशिया, मॉरीशस, नेपाल और श्रीलंका के चीफ जस्टिस और जस्टिस पहुंचे।

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शपथ ग्रहण के बाद देश के नए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट के परिसर में स्थित महात्मा गांधी और डॉ आंबेडकर की प्रतिमा पर फूल माला अर्पित किया।

यह भी पढ़ें: शपथ ग्रहण से पहले जस्टिस सूर्यकांत का बड़ा बयान, CJI बनते ही सबसे पहले इस काम को देंगे प्राथमिकता

बता दें कि अगले साल यानी 9 फरवरी 2027 तक सीजेआई सूर्यकांत पद पर रहेंगे। करीब 14 महीने के कार्यकाल में सीजेआई के सामने कई मामले आएंगे।

विदाई समारोह में जस्टिस बीआर गवई ने कहा था कि यह कहना गलत है कि अगर चीफ जस्टिस सरकार के पक्ष में कोई फैसला देते हैं तो वह स्वतंत्र जज नहीं हैं। कहा कि आरक्षण में SC, ST के लिए क्रीमी लेयर की लागू करने की जरुरत है। सोशल मीडिया पर बात करते हुए गवई ने कहा था कि सोशल मीडिया आजकल समस्या यह हो गई है। हम जो नहीं बोलते हैं, वह भी लिखा और दिखाया जाता है। यह केवल न्यायपालिका के लिए समस्या नहीं, बल्कि सरकार के कई विभाग इससे प्रभावित हैं।

First published on: Nov 24, 2025 10:47 AM

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