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Joshimath Sinking: रहने के लिए ‘असुरक्षित’ घोषित किया गया जोशीमठ, कई घरों पर लगे लाल निशान

Joshimath Sinking: जोशीमठ में भू-धंसाव की घटनाओं के बीच जिला प्रशासन अलर्ट हो गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को कहा कि जोशीमठ को एक भूस्खलन-धंसाव क्षेत्र घोषित किया गया है और डूबते शहर में क्षतिग्रस्त घरों में रहने वाले 60 से अधिक परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में ले जाया गया है। रहने […]

Edited By : Gyanendra Sharma | Updated: Jan 9, 2023 12:09
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Joshimath Sinking: जोशीमठ में भू-धंसाव की घटनाओं के बीच जिला प्रशासन अलर्ट हो गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को कहा कि जोशीमठ को एक भूस्खलन-धंसाव क्षेत्र घोषित किया गया है और डूबते शहर में क्षतिग्रस्त घरों में रहने वाले 60 से अधिक परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में ले जाया गया है।

रहने के लिए ‘असुरक्षित’ घोषित किया गया जोशीमठ

कम से कम 90 और परिवारों को निकाला जाना है। गढ़वाल के आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने हिमालयी शहर में चार-पांच स्थानों पर राहत केंद्र स्थापित किए हैं। इस बीच, चमोली के जिलाधिकारी (डीएम) हिमांशु खुराना ने नुकसान की सीमा का आकलन करने के लिए प्रभावित क्षेत्र में घर-घर जाकर राहत केंद्रों में जाने की अपील की।

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60 से अधिक परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में पहुंचाया गया

जोशीमठ को भूस्खलन-अवतलन क्षेत्र घोषित किया गया है। कुमार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि निर्जन घरों में रह रहे 60 से अधिक परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि नुकसान की सीमा को देखते हुए, कम से कम 90 और परिवारों को जल्द से जल्द खाली करना होगा।

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घरों पर लगने लगे लाल निशान

प्रशासन क्षतिग्रस्त घरों की पहचान करना शुरू कर दिया है। जो घर रहने के लिए सेफ नहीं हैं उनपर रेड क्रॉस का चिंह लगया जा रहा है। साथ ही घर के मालिकों को किसी सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील कर रहे हैं। यहां अब तक 603 घरों में दरारें आ चुकी हैं. इनमें 100 से ज्यादा घर ऐसे हैं, जो कभी भी ढह सकते हैं.

इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोशीमठ को बचाने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। टेलीफोन पर हुई बातचीत में पीएम मोदी ने जोशीमठ के हालात का जायजा लिया और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में पूछा।

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सीएम धामी ने दी जानकारी

धामी ने एक ट्वीट में कहा, “जोशीमठ की स्थिति का विश्लेषण किया जा रहा है। हम यह भी देखेंगे कि क्या अन्य पहाड़ी शहरों ने सहनशीलता की सीमा हासिल कर ली है।” इस बीच, प्रधान मंत्री कार्यालय उत्तराखंड के जोशीमठ में स्थिति का जायजा लेने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित करेगा। समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से अधिकारियों ने बताया कि पीएम के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, कैबिनेट सचिव, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अधिकारी और राज्य सरकार बैठक का हिस्सा होंगे।

मुख्यमंत्री ने बताया कि जिस दिन से यह घटना हुई है, वह रोज प्रधानमंत्री कार्यालय में बातकर अपेडेट दे रहे हैं। अब इस संबंध में प्रधानमंत्री के साथ डिटेल में बात हुई है। इसमें उन्होंने पूरी जानकारी दी गई है, मसलन कितना नुकसान हुआ, कितने लोग प्रभावित हुए और क्या राहत कार्य चल रहा है। इसके अलावा भविष्य की योजना के बारे में भी जानकारी दी है।

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Written By

Gyanendra Sharma

Edited By

Manish Shukla

First published on: Jan 08, 2023 06:06 PM

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