Jammu Kashmir Election 2024 BJP Strategy: जम्मू कश्मीर में चुनाव का शंखनाद हो चुका है। 19 सितंबर को राज्य में पहले चरण का मतदान होगा। चुनाव के चलते जम्मू कश्मीर में सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है। हालांकि जम्मू कश्मीर की गिनती देश के मुस्लिम बहुल राज्यों में होती है, जहां अल्पसंख्यक आबादी अधिक है। जाहिर है हिंदुत्व के एजेंडे पर चलने वाली बीजेपी के लिए जीत की राह आसान नहीं होने वाली है। मगर इसके बावजूद बीजेपी जम्मू कश्मीर में सरकार बना सकती है।
त्रिकोणीय रण में चौथा एंगल
जम्मू कश्मीर में बीजेपी के सामने कई चुनौतियां हैं। अनुच्छेद 370 हटाने के बाद यह घाटी में पहला विधानसभा चुनाव है। ऐसे में बीजेपी जम्मू कश्मीर में अपना एजेंडा सेट करने में जुटी है। तो वहीं महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी अकेले दम पर चुनाव लड़ने का फैसला कर चुकी है। इसी कड़ी में बीजेपी और पीडीपी को हराने के लिए कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस से हाथ मिला लिया है। हालांकि जम्मू कश्मीर के इस त्रिकोणीय रण में एक चौथा पहलू भी मौजूद है।
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नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस आर्टिकल 370 वापस लाना चाहते हैं, जिसका यहां के लोगों के लिए यह मतलब है… pic.twitter.com/FHG80yyjTa
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90 सीटों का गणित
19 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होने वाले तीन चरणों के मतदान में जम्मू कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे। जम्मू में 43 और कश्मीर में 47 सीटें हैं। जम्मू की ज्यादातर सीटों पर बीजेपी अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। मगर कश्मीर की कई सीटों पर बीजेपी ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं। आखिर क्यों? क्या चुनावी नतीजों के साथ उमर अब्दुल्ला का दावा सच होने वाला है?
सच होगा उमर अब्दुल्ला का दावा?
कुछ दिन पहले उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि बीजेपी निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ मिलकर सरकार बना सकती है। उमर अब्दुल्ला का यह दावा सच साबित होता दिखाई दे रहा है। कश्मीर की कई सीटों पर बीजेपी अपने उम्मीदवार नहीं उतार रही है। इन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार घाटी की दोनों बड़ी पार्टियों पीडीपी (PDP) और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NCP) को टक्कर देते दिखाई दे रहे हैं।
लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है- हमारा स्वतंत्र मीडिया। लेकिन अमेरिका में भारत के अखबार के एक प्रतिनिधि के साथ जिस प्रकार के जुल्म की बातें सामने आई हैं, वो लोकतंत्र और संविधान की मर्यादाओं को तार-तार करने वाली हैं। विदेशी धरती पर भारतवासी का अपमान करने वालों के मुंह में… pic.twitter.com/ln24Yq0q0D
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बीजेपी की स्ट्रैटजी
दरअसल जम्मू में हिंदू आबादी ज्यादा है। वहां बीजेपी आसानी से चुनाव जीत सकती है। अगर बीजेपी जम्मू की 43 सीटों में से 35-40 सीटें भी जीत जाती है तो बहुमत का आंकड़ा छूने के लिए बीजेपी को कश्मीर की 5-10 सीटों की जरूरत होगी। ऐसे में निर्दलीय उम्मीदवार बीजेपी के लिए किंगमेकर की भूमिका निभाएंगे। अगर कश्मीर में बीजेपी कोई भी सीट नहीं जीतती है, तो भी निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन से बीजेपी सत्ता में आ सकती है।
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