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कश्मीर में PM मोदी को लग सकता है झटका, जम्मू में BJP तो घाटी में अब्दुल्ला परिवार का राज

Jammu Kashmir Assembly Election 2024: जम्मू कश्मीर में चुनाव आयोग कभी भी विधानसभा चुनाव की घोषणा कर सकता है। राज्य में 2014 के बाद से ही विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं। ऐसे में 10 साल बाद वहां की विधानसभा के लिए विधायक चुने जाएंगे।

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Jul 4, 2024 11:47
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Jammu Kashmir Assembly Election 2024
कश्मीर में अब्दुला परिवार 1967 से अजेय

Jammu Kashmir Assembly Election 2024: जम्मू-कश्मीर में कुछ ही दिनों में विधानसभा चुनावों की घोषणा हो सकती है। यह बात इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने 3 जून को कही थी। उनकी इस बात को कहे हुए 1 महीना हो चुका है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है चुनाव आयोग इसी महीने प्रदेश में चुनावों की तारीखों का ऐलान कर सकता है।

अब आते हैं लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों पर। लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की 6 सीटों में से 2 पर बीजेपी, 2 पर नेशनल काॅन्फ्रेंस और 2 पर निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली। अगर यही आकड़े विधानसभा चुनाव के परिणामों में तब्दील होते हैं तो फारुख अब्दुल्ला की नेशनल काॅन्फ्रेंस सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है। लोकसभा की बढ़त के अनुसार नेशनल काॅन्फ्रेंस को 33 सीटें मिल सकती है। ऐसे में कांग्रेस, पीडीपी और एनसी तीनों सरकार बना सकते हैं। वहीं बीजेपी को 29 सीटें मिल सकती है।

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सबसे ज्यादा वोट अन्य पार्टियों को

जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव में 58.46 प्रतिशत वोटिंग हुई। वहीं बात करें पार्टियों के वोट शेयर की तो बीजेपी को 24.36 प्रतिशत, नेशनल काॅन्फ्रेंस को 22.30, पीडीपी को 8.48 और कांग्रेस को 19.38 प्रतिशत वोट मिले। यहां एक बात और समझने लायक है वह हैं अन्य पार्टियों को मिला वोट शेयर। अन्य पार्टियों को लोकसभा में 25.48 प्रतिशत वोट मिले। जोकि किसी भी पार्टी को मिले वोट प्रतिशत से ज्यादा है। ऐसे में अगर यही ट्रेंड विधानसभा में रहता है तो छोटी पार्टियां किंगमेकर बन सकती है।

परिसीमन के बाद यह है सीटों की स्थिति

जम्मू-कश्मीर में परिसीमन से पहले 107 सीटें थीं। ऐसे में अब सीटों की संख्या बढ़कर 114 हो गई है। यानी 7 सीटें बढ़ गई। इनमें से 6 सीटें जम्मू में और 1 सीट कश्मीर में बढ़ी है। 114 में से कुल 90 सीटों पर चुनाव कराए जाएंगे। क्योंकि 24 सीटें पीओके में हैं। वहीं जम्मू रीजन में 43 और कश्मीर घाटी में 47 सीटें है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 2014 के बाद से विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं।

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जम्मू में बीजेपी को भारी बढ़त

जम्मू को छोड़ दें तो बीजेपी कश्मीर में भी इस बार कैंडिडेट उतार सकती है। ये भी हो सकता है कि लोकसभा की तरह उम्मीदवार ही नहीं उतारे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी गुरेज, कुपवाड़ा और त्राल में इस बार उम्मीदवार उतार सकती है। पार्टी अनंतनाग-राजौरी में भी चुनाव लड़ सकती है। इस लोकसभा में विधानसभा की 18 सीटें हैं। पार्टी ने इस बार राजौरी के पहाड़ी इलाके को भी इसमें शामिल किया है। पार्टी ने गुज्जर और बकरवाल वर्ग को आरक्षण दिया है। ऐसे में बीजेपी इसका फायदा उठाना चाहेगी।

श्रीनगर लोकसभा में अब्दुल्ला परिवार को बढ़त

श्रीनगर पिछले 13 लोकसभा चुनावों से पार्टी अब्दुल्ला परिवार का गढ़ रहा है। श्रीनगर में विधानसभा की 18 सीटें आती हैं। यहां नेशनल कान्फे्रंस को 16 और पीडीपी को 2 सीटों पर बढ़त मिल सकती है। चुनाव आयोग के अनुसार इस बार कश्मीर घाटी में रिकाॅर्ड वोटिंग हुई। ज्यादातर वोटर्स की उम्र 18-39 के बीच की है। ऐसे में घाटी में युवाओं की जबरदस्त वोटिंग बहुत कुछ संकेत कर रही है। हालांकि यह क्रेज बीजेपी के लिहाज से कतई ठीक नहीं होगा क्योंकि पार्टी यहां पर काॅन्स्टेट ही नहीं करती है लेकिन अगर लड़ती है तो कुछ फायदा मिल सकता है।

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Written By

Rakesh Choudhary

First published on: Jul 04, 2024 11:45 AM

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