सिंगापुर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान द्वारा दिए गए बयान को लेकर सियासत तेज हो गया है। इसे लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रविवार को कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दो सर्वदलीय बैठकों में विपक्षी नेताओं के साथ इतनी महत्वपूर्ण जानकारी शेयर नहीं की। उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने विपक्षी नेताओं के साथ जानकारी शेयर करने और संसद का विशेष सत्र बुलाने के बजाय सीडीएस जनरल चौहान द्वारा ये खुलासे किए जाने का इंतजार क्यों किया?
कांग्रेस नेता जयशंकर रमेश ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि यह बेहतर होता कि जो सीडीएस ने सिंगापुर में कहा है, रक्षा मंत्री को उन दो सर्वदलीय बैठकों में कहना चाहिए था, जिनकी उन्होंने अध्यक्षता की थी। जनरल चौहान ने जो कुछ भी कहा है, यह जानकारी विपक्षी नेताओं को देनी चाहिए थी और संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए था। हमें सिंगापुर से जनरल चौहान द्वारा ये खुलासे किए जाने का इंतजार करना पड़ा।
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Why did we have to wait for Gen Chauhan to make these revelations from Singapore?: Jairam Ramesh questions Govt over CDS’ statements
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— ANI Digital (@ani_digital) June 1, 2025
जयराम रमेश ने कारगिल रिव्यू कमेटी की रिपोर्ट का किया जिक्र
कांग्रेस नेता ने कारगिल रिव्यू कमेटी की रिपोर्ट के महत्व पर प्रकाश डाला, जिसे 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, जब युद्ध समाप्त होने के सिर्फ तीन दिन बाद ही भारतीय पत्रकार और अंतर्राष्ट्रीय सामरिक मामलों के विश्लेषक के. सुब्रह्मण्यम की अध्यक्षता में कारगिल रिव्यू कमेटी का गठन किया गया था और 2000 में संसद में प्रस्तुत किया गया था।
सैन्य मुद्दों पर विशेष चर्चा आवश्यक : जयराम रमेश
उन्होंने कहा कि सैन्य मुद्दों पर विशेष चर्चा की आवश्यकता होती है, जबकि राजनीतिक मुद्दों जैसे चीन और पाकिस्तान के बीच गठजोड़ को प्रधानमंत्री के साथ सर्वदलीय बैठकों में सुलझाया जाना चाहिए। कुछ सैन्य मुद्दे हैं, जिन पर सिर्फ सेना ही चर्चा कर सकती है। जयराम रमेश ने कहा कि हमें लोकतंत्र की जननी माना जाता है। जनरल चौहान ने जो मुद्दे उठाए हैं, वे महत्वपूर्ण हैं और वे न सिर्फ सैन्य रणनीति पर प्रभाव डालते हैं, बल्कि वे विदेश नीति, आर्थिक रणनीति और कूटनीतिक रणनीति पर भी प्रभाव डालते हैं।
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