ITCM Missile Launch: भारत अपनी नौसेना की मारक क्षमता को मजबूती देने वाला है. DRDO और भारतीय नौसेना जल्द ही इस साल के अंत तक इंडिजिनस टेक्नोलॉजी क्रूज मिसाइल यानी ITCM मिसाइल का जहाज से लॉन्च टेस्ट करेगी. इस मिसाइल की मदद से भारतीय सेना अपने 1000 किलोमीटर दूर बैठे दुश्मनों को भी निशाना बना सकेगी. यह मिसाइल परीक्षण भारत को लंबी दूरी के सबसोनिक क्रूज मिसाइल देने की ओर एक जरूरी कदम माना जाता है.
क्या है ITCM मिसाइल?
ITCM मिसाइल की मदद से 1000 किलोमीटर दूर दुश्मन के ठिकानों पर निशाना लगाया जा सकेगा. इसे निर्भय मिसाइल का उन्नत स्वरूप बताया जा रहा है. ये मिसाइल सबसोनिक यानी धीमी गति से चलने वाली मिसाइल होती है, जो आसमान और जमीन दोनों पर अटैक करने में सक्षम है. मिसाइल की खासियत की बात करें तो इसमें एडवांस एवियोनिक्स, नेविगेशन और जमीन से सटे रहकर उड़ने की क्षमता भी है. इससे ये दुश्मन के रडार से भी बच जाती है.
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मिसाइल का महत्व
यह मिसाइल भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगा. समुद्री क्षेत्र में अपनी स्थिति को सुदृढ़ करेगा. खासकर भारत-महासागर क्षेत्रों में बढ़ती चुनौतियों के लिए इस मिसाइल की मांग और बढ़ जाती है. यह मिसाइल ब्रहमोस आदि जैसे महंगे विकल्पों की तुलना में कम बजट में आ जाती है.
ITCM मिसाइल के अलग-अलग स्वरूप
LRLACM- यह मोबाइल लॉन्चर से फायर होती है और दुश्मन के ठिकानों, कमांड सेंटर और रणनीतिक टारगेट पर लंबी दूरी से वार करने में सक्षम है. इसका सफल परीक्षण साल 2024 में 12 नवंबर को ओडिशा के चांदीपुर में हुआ था.
SLCM- साल 2023 के फरवरी महीने में इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था. यह पनडुब्बियों से लॉन्च की जाती है और पानी के अंदर से अटैक करती है.
हवाई जहाज से लॉन्चिंग- इस पर अभी भी विकास कार्य जारी है. इसे भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स पर लगाने की योजना बनाई जा रही है.
जहाज से लॉन्चिंग- इस बार इसी वेरिएंट के लॉन्च की तैयारियां हो रही है. इसे नौसेना के युद्धपोतों से लॉन्च किया जाएगा.
टेस्टिंग की तैयारियां कैसी?
DRDO युद्धपोतों के लिए एक अस्थायी वर्टिकल लॉन्च सिस्टम (VLS) का विकास कर रहा है, जिससे ITCM को सीधे जहाज से लॉन्च किया जाएगा. भविष्य में इस लॉन्चर को धीरे-धीरे यूनिवर्सल वर्टिकल लॉन्च मॉड्यूल (UVLM) से बदलने की योजना है, जिससे ब्रह्मोस और ITCM दोनों की तैनाती आसान और सहज हो जाएगी.
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